उत्तराखंड़ में ‘एअर डिफेन्स राड़ार’ लगाने की गतिविधियां

नई दिल्ली – उत्तराखंड़ में वायुसेना ने एअर डिफेन्स राड़ार और नए ‘एडवान्स्ड लैंडिंग ग्राउंड्स’ (एएलजी) लगाने की गतिविधियां शुरू की हैं। शुक्रवार के दिन वायुसेना के ‘सेंट्रल एअर कमांड’ के वरिष्ठ अधिकारी एअर मार्शल राजेश कुमार ने उत्तराखंड़ के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्रसिंह रावत से भेंट की। इस दौरान जमीन का संपादन, एअर डिफेन्स सिस्टिम और अन्य मुद्दों पर बातचीत हुई। लद्दाख की गलवान वैली में चीन के साथ हुए संघर्ष के बाद उत्तराखंड़ के मुख्यमंत्री ने वायुसेना को उत्तराखंड़ में ‘एएलजी’ विकसित करने के लिए प्रस्ताव दिया था।

Air-force-uttarakhandउत्तराखंड़ की सीमा चीन से जुड़ती हैं। इसी वजह से सामरिक नज़रिए से उत्तराखंड़ में ‘एअर डिफेन्स राड़ार’ और ‘एएलजी’ के लिए शुरू की गई गतिविधियां अहम साबित होती हैं। चीन से जुड़े चमोली, पिथोरागड़ और उत्तरकाशी ज़िलों में इस राड़ार प्रणाली और एएलजी का निर्माण किया जाएगा।

एअर मार्शल राजेश कुमार ने उत्तराखंड़ के मुख्यमंत्री के समक्ष पटनागर, जॉली ग्रैंट और पिथोरागड़ के हवाई अड्डों का विस्तार करने के लिए जमीन उपलब्ध करने के लिए भी बिनती की। साथ ही उत्तराखंड़ में राड़ार और रनवे का निर्माण करने के लिए चुनी गई ज़गह वर्तमान स्थिति के लिए अनुकूल होने की बात एअर मार्शल कुमार ने कही है। उत्तराखंड़ के स्थानीय लोगों ने भी देश की सुरक्षा के लिए किए गए इस निर्णय पर आनंद व्यक्त किया है।

 

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