‘ऐपल’ के आठ कारखाने चीन से भारत में स्थानांतरित – केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद

नई दिल्ली – भारत जागतिक उत्पादन केंद्र के तौर पर उभर रहा है। पहली बार ‘ग्लोबल मैन्युफैक्चर इको सिस्टम’ के लिए चीन का विकल्प होना चाहिए, इसका एहसास विश्‍व को हुआ है। इसी कारण भारत की ओर बड़ी उम्मीद से देखा जा रहा है, ऐसा बयान केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने किया है। ‘ऐपल’ फोन का निर्माण कर रहे आठ कारखाने चीन छोड़कर भारत में स्थापित हुए हैं, इस ओर रविशंकर प्रसाद ने ध्यान आकर्षित किया।

apple-china-indiaबिहार स्थित अनिवासी भारतीयों के साथ केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने वीडियो कान्फरन्सिंग के माध्यम से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने विश्‍व में भारत की बदल रही प्रतिमा की जानकारी साझा की। लद्दाख में चीन ने की हुई उकसानेवाली हरकत के बाद भारत ने अपनाई आक्रामक भूमिका का पूरे विश्‍व से समर्थन प्राप्त हो रहा है। अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने भारत का समर्थन किया है। भारत अपनी संप्रभुता से और अखंड़ता से कोई भी समझौता नहीं करेगा, यह बात रविशंकर प्रसाद ने स्पष्ट की।

विश्‍व की बड़ी कंपनियां अब अपने कारखाने चीन के बाहर स्थानांतरित कर रही हैं। चीन के अलावा अन्य विकल्प उपलब्ध हो, इस बात का ‘ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग इको सिस्टिम’ को पहली बार एहसास होने लगा है, यह बात रविशंकर प्रसाद ने साझा की। कई कंपनियां चीन से बाहर निकल रही हैं और कुछ कंपनियों ने विकल्प के तौर पर भारत का चयन किया है। सैमसंग पहले से ही भारत में उत्पादन कर रहा है। लेकिन, अब सैमसंग भारत में अपना विस्तार कर रहा है। साथ ही ‘ऐपल’ फोन का निर्माण करनेवाले आठ कारखाने चीन से बाहर निकलकर भारत में कार्यरत किए गए हैं। इससे जागतिक उत्पादन कंपनियों को भारत के बाज़ार की अहमियत का ज्ञान हुआ है, यही बात स्पष्ट होने का बयान केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने किया।

वर्ष २०१४ में भारत में मोबाईल के सीर्फ दो कारखाने थे। लेकिन, अब देश में मोबाईल उत्पादन करनेवाले कारखानों की संख्या बढ़कर २५० से अधिक हुई है। उत्पादन को प्रोत्साहन देने के साथ ही सरकार ने आत्मनिर्भर भारत मुहिम शुरू की है। जागतिक कंपनियों को भारत में आने के लिए निमंत्रित किया गया है। आत्मनिर्भर अभियान यानी स्वयं को अलग करना नहीं बल्कि, भारत विश्‍व की प्रमुख अर्थव्यवस्था होने से जागतिक अर्थव्यवस्था को सक्षम करने के लिए अपनी आर्थिक क्षमता बढ़ा रहा है, यही इसका मतलब होता है, यह बात भी रविशंकर प्रसाद ने कही।

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