अमरीका के साथ सहयोग बढ़ा रहे आसियान देशों को चीन ने धमकाया

china-luo-zhaohuiबीजिंग – अमरीका जानबुझकर ‘साउथ चायना सी’ के क्षेत्र में तनाव निर्माण कर रही है और आसियान देश अमरीका की गतिविधियों का समर्थन ना करे, ऐसा इशारा चीन के उप-विदेशमंत्री लुओ ज़ाहुई ने दिया है। साउथ चायना क्षेत्र में फिलिपाईन्स के अधिकारों की सुरक्षा के लिए अमरिका लष्करी सहायता प्रदान करे, यह निवेदन फिलिपाईन्स ने कुछ दिन पहले ही किया था। इससे गुस्सा हुए चीन ने आसियान को धमकाने का कदम उठाया हुआ दिख रहा है।

बीते सप्ताह में फिलिपाईन्स के विदेशमंत्री ने ‘साउथ चायना सी’ में चीन की नौसेना की बढ़ती गतिविधियों पर चिंता व्यक्त करके चीन की नौसेना ने फिलिपाईन्स की समुद्री सीमा में घुसपैठ की या हमले किए तो अमरीका लष्करी सहायता प्रदान करे, यह माँग फिलिपाईन्स के विदेशमंत्री ने की थी। फिलिपाईन्स के इस आवाहन पर अमरीका ने सकारात्मक प्रतिसाद दिया था। इससे पहले वियतनाम ने भी समुद्री क्षेत्र में जारी चीन की दबंगगिरी के खिलाफ़ अमरीका से सहायता की माँग की थी। दो दिन पहले आसियान के देशों के साथ हुई बैठक में चीन ने इसी मुद्दे पर अपना गुस्सा व्यक्त किया।

us-aseanअमरीका, ‘साउथ चायना सी’ में शांति और स्थिरता के लिए बाधा बन रही है और इस क्षेत्र के देश अमरीका की सहायता ना करे, यह इशारा चीन के उप-विदेशमंत्री ज़ाहुई ने दिया। अगले कुछ दिनों में अमरीका और आसियान देशों की विशेष बैठक होनी है। इस पृष्ठभूमि पर चीन ने पहले ही आसियान देशों को धमकाया हुआ दिख रहा है। सारे ‘साउथ चायना सी’ पर अपना अधिकार होने का दावा चीन कर रहा है। इसके लिए चीन ने आग्नेय एशियाई देशों के अधिकार भी ठुकराए हैं और हेग की अंतरराष्ट्रीय अदालत ने किया निर्णय हमें मंजूर ना होने की बात कही है।

china-sea-mapइसी बीच आसियान देशों को धमका रहे चीन ने बीते कुछ दिनों में तीन युद्धाभ्यासों का आयोजन किया था। साउथ चायना सी, तैवान की खाड़ी और यलो सी को कवर करनेवाले चीन के यह युद्धाभ्यास जापान, दक्षिण कोरिया, तैवान, फिलिपाईन्स, वियतनाम और मलेशिया के लिए इशारा साबित हुए थे। चीन के यह युद्धाभ्यास यानी इस समुद्री क्षेत्र पर अपनी पकड़ मज़बूत करने की एवं अमरीका को चुनौती देने की कोशिश होने का दावा लष्करी विश्‍लेषकों ने किया था। चीन के इस युद्धाभ्यास की वजह से इस समुद्री क्षेत्र में तनाव बढ़ने के बाद अमरीका ने ‘यू-२’ गश्‍त विमान रवाना किए थे। इससे गुस्सा हुए चीन ने मध्यम दूरी के एवं विमान वाहक युद्धपोत विरोधी मिसाइलों का परीक्षण करके अमरीका को ‘लष्करी दुर्घटना’ की धमकी दी थी।

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