चीन की वजह से ही अमरीका और पूरे विश्‍व का हुआ प्रचंड़ नुकसान – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प का आरोप

वॉशिंग्टन – चीन की वजह से ही अमरीका के साथ पूरे विश्‍व का प्रचंड़ नुकसान हुआ है, यह आरोप अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने किया है। कुछ दिन पहले ही ट्रम्प ने यह दावा किया था कि कोरोना वायरस की महामारी पूरे विश्‍व में काफ़ी तेज़ गति से फ़ैल रही है। इस महामारी की व्याप्ति जिस मात्रा में बढ़ रही है, उस मात्रा में चीन के विरोध में असंतोष भी तीव्र हो रहा है, ऐसा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने जताया था। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने एक के बाद एक किए ये बयान, कोरोना के मुद्दे पर अमरीका अब चीन के विरोध में बड़ा निर्णय करने की तैयारी में होने के संकेत दे रहे हैं।

China-Trumpपिछले छः महीनों में चीन के साथ विश्‍व के २१० से अधिक देशों में कोरोना महामारी फ़ैल चुकी है और इससे सबसे अधिक नुकसान अमरीका को उठाना पड़ा है। विश्‍व में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या १.१६ करोड़ पर जा पहुँची है और इनमें से करीबन २५ प्रतिशत मरीज़ मात्र अमरीका में देखें गए हैं। कोरोना की वजह से मृत होनेवाले लोगों की संख्या भी अब ५.२५ लाख तक जा पहुँची है और इनमें से एक लाख से अधिक मृतक सिर्फ अमरीका से हैं। इसके साथ ही अमरीका में कोरोना संक्रमितों की और मृतकों की संख्या प्रतिदिन लगातार बढ़ रही है।

इस पृष्ठभूमि पर, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कोरोना के मुद्दे पर फिर एक बार चीन को लक्ष्य करना शुरू किया है। सोमवार के दिन किए ट्विट में ट्रम्प ने कोरोना वायरस का ज़िक्र किए बिना, चीन ने अमरीका के साथ ही शेष विश्‍व को प्रचंड़ नुकसान पहुँचाया है, ऐसी आलोचना की थी। इससे पहले पिछले हफ़्ते में ही अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने इस महामारी का ज़िक्र करके, इससे अमरीका का प्रचंड़ नुकसान होने पर नाराज़गी व्यक्त की थी। साथ ही, विश्‍व में फ़ैल रही इस महामारी का ख़ौफ़नाक चेहरा और अमरीका को हुआ नुकसान, इनकी वज़ह से चीन के विरोध में व्यक्त हो रहा गुस्सा अधिक से अधिक तीव्र हो रहा है, यह भी ट्रम्प ने जताया था।

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने पिछले कुछ महीनों से, कोरोना के मुद्दे पर चीन के विरोध में आक्रामक मुहिम शुरू की है। ट्रम्प ने शुरू से ही इस महामारी का ज़िक्र ‘वुहान वायरस’ या ‘चायना वायरस’ करना शुरू किया था। प्राथमिक जाँच में, कोरोना वायरस चीन की वुहान लैब से ही बाहर निकलने की बात स्पष्ट हो रही है, ऐसें ठेंठ शब्दों में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन पर हमला किया था। अमरिका इस महामारी के उद्गम की खोज़ कर रही है और विश्‍वभर में हज़ारों लोगों की जान लेनेवाली यह महामारी यदि चीन ने जानबूझकर फ़ैलाई है, तो चीन को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे, यह चेतावनी भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इस दौरान दी थी।

China-Trumpअमरीका के साथ विश्‍वभर में कोरोना वायरस की व्याप्ति बढ़नी शुरू होने के बाद, ट्रम्प की इस आलोचना की तीव्रता भी बढ़ना शुरू हुआ था। कोरोना वायरस के लिए सिर्फ़ चीन ही ज़िम्मेदार है, यह साबित करने के लिए अपने पास कई मार्ग उपलब्ध हैं, यह कहकर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने, चीन से हर्ज़ाना वसूल करने की कोशिश अमरीका करेगी, ये संकेत भी दिए थे। उसके बाद, पर्ल हार्बर और ९/११ के हमले से भी, कोरोना वायरस का अमरीका पर हुआ हमला अधिक भयंकर है, यह दावा ट्रम्प ने किया था। कोरोना की महामारी का मुद्दा पकड़कर ही अमरीका ने चीन के विरोध में बड़ा जागतिक मोरचा खोला है और एक के बाद एक आक्रामक निर्णय करना शुरू किया है। इस पृष्ठभूमि पर, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने दोबारा चीन पर ऊँगली उठाना, यह नई कार्रवाई के संकेत देनेवाली बात बनती है।

इसी बीच, कोरोना वायरस की महामारी के मुद्दे पर अब तक चीन का समर्थन कर रहें ‘डब्ल्यूएचओ’ यानी ‘जागतिक स्वास्थ्य संगठन’ ने पहली ही बार, इसी मुद्दे पर चीन के विरोध में भूमिका अपनाने की बात सामने आयी है। दिसंबर २०१९ में चीन के वुहान शहर में कोरोना का मरीज़ देखें जाने की शुरुआत होने के बाद, उसकी जानकारी पहली बार डब्ल्यूएचओ के चीन स्थित दफ़्तर ने ही जागतिक संगठन तक पहुँचाई थी, यह बात स्पष्ट करनेवाला नया निवेदन जारी किया गया है। ‘डब्ल्यूएचओ’ के इस निवेदन की वजह से, हमने ही दुनिया के साथ सबसे पहले कोरोना वायरस की जानकारी साझा की, यह चीन की हुकूमत ने किया दावा झूठा साबित हुआ है। अमरीका के साथ, आंतर्राष्ट्रीय समुदाय के प्रमुख देशों ने भी, चीन की हुकूमत ने महामारी की जानकारी छिपाई और इसी कारण अन्य देशों का बड़ा नुकसान हुआ, यह आरोप किया था।

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