चीन में अमरिकी नागरिकों पर कार्रवाई होने का खतरा – अमरिकी विदेश विभाग की चेतावनी

वॉशिंग्टन – फिलहाल चीन में मौजूद अमरिकी नागरिकों पर कभी भी और किसी भी प्रकार की कार्रवाई हो सकती है, यह चेतावनी अमरिकी विदेश विभाग ने दी है। कार्रवाई के बाद इन अमरिकी नागरिकों को अमरिकी दूतावास की सहायता एवं अन्य किसी भी प्रकार से क़ानूनी सहायता प्रदान करने से इन्कार भी किया जा सकता है, यह बात अमरिकी विदेश विभाग ने इस चेतावनी में कही है। अमरीका और चीन के संबंधों में बना तनाव चरम स्तर पर पहुँचने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं और तभी दी गयी यह चेतावनी ध्यान आकर्षित कर रही है। कुछ दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन में स्थित अपने नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह दी थी।

अमरिकी नागरिकों पर कार्रवाई

‘चीन में मौजूद अमरिकी नागरिकों को किसी भी कारण से गिरफ़्तार किया जा सकता है। गिरफ़्तारी होनेवाले नागरिकों को अमरिकी दूतावास की सहायता प्राप्त करने का अवसर भी नहीं दिया जाएगा। राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा उठाकर गिरफ़्तार किये गए अमरिकी नागरिकों की लंबे समय तक तहकिक़ात हो सकती है और उन्हें कई दिनों के लिए जेल में बंद किया जा सकता है। चीन या चीन की हुकूमत से संबंधित जानकारी संदेशों के माध्यम से बाहर पहुँचाने का कारण देकर अमरिकी नागरिकों को जेल में भेजा सकता है या उन्हें निष्कासित करने की घटनाएँ भी हो सकती हैं, ऐसी चेतावनी देकर अमरिकी विदेश विभाग ने, चीन में मौजूद अपने नागरिकों को सावधानी बरतने को कहा है।

अमरीका और चीन के बीच पिछले कुछ महीनों में काफी तनाव बना है। इसके पीछे, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने, कोरोना की महामारी के मुद्दे पर चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के विरोध में शुरू की हुई आक्रामक मुहिम, ही प्रमुख कारण बना है। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के साथ अमरिकी प्रशासन के कई वरिष्ठ नेता एवं अधिकारियों ने चीन की हुकूमत को लगातार फटकार लगाई है। कोरोना की महामारी के साथ ही, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में जारी चीन की हरकतें, हाँगकाँग पर थोंपा हुआ सुरक्षा कानून, उइगरवंशियों पर किए अत्याचार, जासूसी, सायबर हमलें, इन मुद्दों पर चीन को लक्ष्य किया गया है। अमरिकी संसद और प्रशासन ने चीन के विरोध में लगातार कार्रवाई करना जारी रखा है और दो देशों के बीच राजनीतिक संघर्ष अब शीत युद्ध की दहलीज़ तक जा पहुँचा होने की बात समझी जा रही हैं।

अमरिकी नागरिकों पर कार्रवाई

कुछ दिन पहले ही ट्रम्प प्रशासन ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ तीन अन्य अधिकारियों के विरोध में प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था। चीन की हुकूमत के सर्वोच्च नेताओं में से किसी नेता को लक्ष्य करने की यह पहली ही बड़ी कार्रवाई समझी जा रही हैं। यह कार्रवाई होते समय ही अमरिकी विदेशमंत्री ने चिनी ॲप्स पर पाबंदी लगाने का निर्णय अंतिम चरण में होने के संकेत दिए थे। इसके बाद व्हाईट हाउस के प्रवक्ता ने, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष जल्द ही चीन के विरोध में बड़ी कार्रवाई का ऐलान करेंगे, यह कहा था। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने चीन से आर्थिक संबंध पूरी तरह से तोड़ने का विकल्प अभी कायम होने की चेतावनी भी दी थी।

अमरीका ने बड़ी कार्रवाई करने पर चीन का प्रत्युत्तर प्राप्त हो सकता है। इसमें चीन में स्थित अमरिकी कंपनियाँ एवं नागरिकों का भी समावेश होने की संभावना है। चीन प्रतिशोध की भावना से कार्रवाई कर सकता है, यह संभावना ध्यान में रखकर अमरिकी विदेश विभाग ने, चीन में स्थित अमरिकी नागरिकों के लिए अलर्ट जारी किया हुआ दिख रहा है। इस अलर्ट के ज़रिये, अमरीका का अब चीन की हुकूमत पर भरोसा ना रहने का एहसास ट्रम्प प्रशासन अपने नागरिकों से करा रहे होने की बात मानी जा रही है।

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