प्रधानमंत्री मोदी को यूएई ने सर्वोच्च नागरी पुरस्कार से सम्मानित किया

अबू धाबी – संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘ऑर्डर ऑफ नह्यान’ यह अपना सर्वोच्च नागरी पुरस्कार प्रदान किया है| ‘यूएई’ के संस्थापक ‘शेख झाएद बिन सुल्तान अल नह्यान’ इनके नाम से यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है| इससे पहले रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग को यह पुरस्कार प्रदान करके सम्मानित किया गया है| इस संबंधी बात करते समय प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और यूएई के संबंध सर्वोत्तम होने की बात कही|

भारत ने धारा ३७० हटाने के बाद पाकिस्तान ने दुनिया भर में भारत के विरोध में दुष्प्रचार करने के लिए मुहीम शुरू की है| इस्लामी देश अपने इस मुहीम को समर्थन देंगे, यह उम्मीद पाकिस्तान ने रखी थी| भारत का राजनयिक नेतृत्व फॅसिस्ट होने का आरोप भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कर रहे है| लेकिन, ‘यूएई’ ने प्रधानमंत्री मोदी को सर्वोच्च नागरी पुरस्कार से सम्मानित करके पाकिस्तान के दुष्प्रचार को करारा प्रत्युत्तर दिया है| इस वजह से भारत और यूएई के संबंध और भी मजबूत होते दिख रहे है|

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘यूएई’ की अधिकृत वृत्तसंस्था को दी हुई मुलाकात के दौरान धारा ३७० संबंधी भारत का पक्ष रखा| यह धारा रद्द करना यानी भारत का अंदरुनी बात साबित होती है| जम्मू-कश्मीर की जनता इसी धारा की वजह से भारत से अलग पडी थी| वहां के युवकों में कट्टरतावाद और आतंकवाद की पृवृत्ती ना बढे, इसलिए भारत ने यह निर्णय किया, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा| साथ ही इस निर्णय का स्वागत करने पर प्रधानमंत्री मोदी ने यूएई के प्रति आभार व्यक्त किया|

आर्थिक वर्ष २०१८-१९ के दौरान भारत और यूएई का द्विपक्षीय व्यापार ६० अरब डॉलर्स तक पहुंचा है, यह कहकर प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय कंपनियां यूएई में भारी मात्रा में निवेश कर रही है, यह जानकारी भी दी| वही, यूएई ने भारत में ७५ अरब डॉलर्स का निवेश करने का ऐलान किया है| साथ ही दोनों देशों की उर्जा, अन्न, बंदरगाह एवं हवाई अड्डे विकास और रक्षा सामान के उत्पाद क्षेत्र में शुरू भागीदारी व्यापक हो रही है, यह बात प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुलाकात के दौरान कही|

पिछले चार वर्षों के समय में दोनों देशों के संबंध और भी मजबूत हुए है| वर्तमान का दौर दोनों देशों के संबंधों के लिए सर्वोत्तम होने का विश्‍वास इस दौरान प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया| इस दौरान यूएई में २० लाख से भी अधिक भारतीय कार्यरत है और यह तादाद यूएई की कुल जनसंख्या की तुलना में २७ प्रतिशत है, इस स्थिति का एहसास विश्‍लेषक करा रहे है| यूएई और खाडी क्षेत्र के अन्य देश भारत की ओर निवेश के लिए विश्‍वासार्ह देश के तौर पर देख रहे है| इस वजह से भारत के खाडी क्षेत्र के देशों के साथ संबंध और भी मजबूत हो रहे है| यूएई के साथ भारत की विकसित हो रही भागीदारी भी यही बात रेखांकित कर रही है|

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