केंद्रीय गृहमंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर के आतंकियों पर कडी कार्रवाई करने हेतू ‘टीएमजी’ का गठन किया

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की कार्रवाईयॉं एवं गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए ‘टेरर मॉनिटरिंग ग्रुप’ (टीएमजी) की स्थापना होनेवाली है| केंद्रीय गृह मंत्रालय से स्थापित हो रहे ‘टीएमजी’ में ‘आईबी’, ‘एआईए’, ‘सीबीआई’, ‘सीबीडीटी’, ‘एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट’ तथा ‘जम्मू-कश्मीर पुलिस दल’ के अधिकारियों का समावेश होगा| आतंकवादियों को होनेवाला पैसों का प्रदाय रोकने से उनके हितचिंतकों को ढूंढ निकालने का काम यह विशेष गट करनेवाला है|

इस वर्ष जनवरी महीने से अब तक जम्मू-कश्मीर में लगभग ५० मुठभेड़ में १०० से अधिक आतंकवादी ढेर हुए हैं| फिर भी कश्मीर में आतंकवादियों की कार्रवाईयॉं पूर्ण रूप से रुकी नहीं है| इस पृष्ठभूमि पर इस राज्य में आतंकवादियों पर अधिक प्रभावी कार्रवाई करने का काम टीएमजी करेगा| जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मार्च महीने में इसकी घोषणा की थी| आतंकवादियों के साथ आतंकवादियों को सहानुभूति देनेवालों पर भी यह पथक कार्रवाई करेगा, ऐसी जानकारी राज्यपाल मलिक ने दी थी|

आतंकवादियों को पैसा प्रदान करनेवाले एवं उनके बारे में सहानुभूति रखनेवाले कई जगहों पर हैं| उनपर कार्रवाई होनेतक आतंकवाद खत्म नहीं किया जा सकता, ऐसा सत्यपाल मलिक का कहना था| तथा आतंकवादी एवं विद्रोही शक्तियों को सहायता करनेवालों में राज्य सरकार के कर्मचारी भी हो सकते हैं| एवं यह पथक उनपर कड़ी नजर रखेगा ऐसी जानकारी राज्यपाल ने दी थी| इस पृष्ठभूमि पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने टीएमजी की स्थापना का निर्णय किया दिखाई दे रहा है| तथा एनआईए ने किए जांच से सामने आई जानकारी की वजह से टीएमजी की स्थापना को गति मिलने की बात हो रही है|

आसिया अंद्राबी, शब्बीर शाह इन जम्मू-कश्मीर के विद्रोही नेताओं को हवाला मार्ग से पैसा प्रदान करने की बात उजागर हुई है| एनआईए ने इस संदर्भ में जांच शुरू की है और इस जांच में दिल दहलानेवाली जानकारी सामने आई है| आसिया अंद्राबी का लड़का मोहम्मद बिन कासिम फिलहाल मलेशिया में एक विद्यापीठ में शिक्षा ले रहा है| उसके शिक्षा का खर्च विदेश से अवैध रूप से आए पैसों से हो रहा है, ऐसा आसिया अंद्राबी ने एनआईए की जांच में माना है| तथा शब्बीर शाह इसके जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में जमीन जायदाद के बारे में भी ऐसी ही संदिग्ध जानकारी सामने आई है|

शब्बीर शाह के श्रीनगर एवं अनंतनाग में होटल्स और अन्य कई व्यापार होकर, उसके लिए पाकिस्तान से पैसे प्रदान होते हैं| इस मामले में ७ विद्रोही नेताओं की जांच की जा रही है और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा दल पर पत्थर फेंकनेवालों को इन विद्रोही नेताओं में से कुछ लोग पैसे प्रदान कर रहे थे| पत्थर फेंक करनेवालों को हीरो मान रहा ‘मसरत आलम’ ने भी जांच में उसे पाकिस्तानी हस्तकों के हवाले से पैसे मिले थे और इनके पीछे विद्रोही नेता ‘सैयद अली शाह गिलानी’ होने का बयान दिया है|

इससे पहले जम्मू-कश्मीर के विद्रोही नेता पाकिस्तान से मिलनेवाले पैसों से अपनी धन करने की बात उजागर हुई थी| तथाकथित जम्मू-कश्मीर युद्ध के लिए विद्रोही नेता नौजवानों को शस्त्र उठाने के लिए आवाहन कर रहे हैं और उनके बच्चे विदेश में उच्च शिक्षा लेकर करियर कर रहे हैं| विद्रोही नेताओं के इस दोगले बर्ताव का इससे पहले ही पर्दाफाश किया था| जिसकी वजह से विद्रोही नेताओं का कश्मीरी नौजवानों पर प्रभाव कम होने की बात सामने आ रही थी|

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