विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ की भारत यात्रा की पृष्ठभूमि पर भारत ने २८ अमरिकी उत्पादों पर आयात कर लगाया

नई दिल्ली/वॉशिंगटन – ‘जनरलाईज्ड सिस्टिम ऑफ प्रेफरन्स’ (जीएसपी) दर्जा हटाकर ५.५ अरब डॉलर्स की भारत की निर्यात को लक्ष्य करनेवाली अमरिका को भारत ने प्रत्युत्तर दिया है| अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दिए झटके के बाद भारत ने भी अमरिका के २८ उत्पादों पर कर लगाने का ऐलान किया है| इनमें बादाम, अखरोट और सेब इन प्रमुख उत्पादों का समावेश है| यह आयात कर वसुल ने से भारत को करीबन २१ करोड डॉलर्स का मुनाफा होगा| अमरिकी विदेशमंत्री पोम्पिओ की भारत यात्रा और ‘जी-२०’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रम्प की तय भेंट की पृष्ठभूमि पर यह निर्णय ध्यान आकर्षित कर रहा है|

जून २५ के रोज अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ भारत पहुंच रहे है| इस यात्रा को लेकर की हुई घोषणा के दौरान पोम्पिओ ने भारत के प्रति सकारात्मक भूमिका रखी थी| साथ ही अमरिका के लिए भारत एक अहम देश होने का वक्तव्य भी उन्होंने किया था| पोम्पिओ के वक्तव्य को दो देशों में बढ रहे सामरिक एवं रक्षा संबंधी सहयोग की पृष्ठभूमि होने की बात समझी जा रही है| लेकीन, इसी दौरान दोनों देशों में शुरू व्यापारी विवाद भी पोम्पिओ की यात्रा में अहम मुद्दा रहेगा, यह संकेत दिए जा रहे है|

‘अमरिकी कंपनियों के लिए भारत अपना बाजार जरूरत के मुताबिक खुला नही कर रहा है| साथ ही इस मुद्दे पर अमरिका को आश्‍वस्त करने में भी भारत नाकाम हुआ है’, यह आरोप राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किया था| फिलहाल भारत-अमरिका के बीच सालाना १४२ अरब डॉलर्स का व्यापार हो रहा है| इसमें भारत से अमरिका को हो रही निर्यात ८३.२ अरब डॉलर्स है| वही, अमरिका से भारत में सालाना ५८.९ अरब डॉलर्स की निर्यात हो रही है| भारत के साथ व्यापार में अमरिका को करीबन २४ अरब डॉलर्स का नुकसान उठाना पड रहा है और यह नुकसान कम करने की कोशिश ट्रम्प कर रहे है|

इस वजह से चीन, यूरोपिय देश और अन्य एशियाई देशों के साथ ही अमरिका ने भारत को भी लक्ष्य किया है| लेकिन, व्यापार के मुद्दे पर लक्ष्य करते समय अन्य क्षेत्रों में अमरिका और भारत का सहयोग नए स्तर पर पहुंचने के संकेत प्राप्त हो रहे है| इस वजह से व्यापार में बने विवाद पर जल्द ही हल निकलेगा, यह दावे हो रहे है|

भारत ने अमरिका से प्रमुख तौर पर निर्यात हो रहे बादाम, अखरोट और सेब जैसे उत्पादों को लक्ष्य करने से अमरिकी नेतृत्व इस निर्णय पर प्रतिक्रिया दर्ज करने की संभावना है| अमरिका ने रशिया से ‘एस-४००’ की खरीद करने के मुद्दे पर भी भारत को ‘चेतावनी’ दी है और आयात कर का मुद्दा इस दौरान बने तनाव में इजाफा कर सकता है| लेकिन, दोनों देशों में धारणात्मक और सामरिक सहयोग को देखा जाए तो यह व्यापारी विवाद दोनों देश और बढने नही देंगे, यही भी स्पष्ट तौर पर दिख रहा है|

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