ब्रिक्स परिषद की पृष्ठभूमि पर – प्रधानमंत्री आफ्रीकन देशों के दौरे पर

नई दिल्ली: सोमवार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आफ्रीका दौरा शुरू होने जा रहा है। दक्षिण आफ्रीका में २५ से २७ जुलाई के दौरान ‘ब्रिक्स’ परिषद का आयोजन किया गया है। इस परिषद में शामिल होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी रवांडा और युगांडा इन देशों को भेंट देनेवाले हैं और उसके बाद वह दक्षिण आफ्रीकन नेताओं के साथ द्विपक्षीय चर्चा करनेवाले हैं। ब्रिक्स परिषद में शामिल होने से पहले चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग भी आफ्रीकन देशों के दौरे पर दाखिल हुए हैं और इसमें रवांडा का भी समावेश है। उस पृष्ठभूमि पर भारतीय प्रधानमंत्री के इस दौरे का महत्व अधिक बढ़ गया है।

ब्रिक्स परिषद, पृष्ठभूमि, नरेंद्र मोदी, आफ्रीकन देश, दौरा, भारत, द्विपक्षीय सहकार्य२५ जुलाई से दक्षिण आफ्रीका में ब्रिक्स देशों की परिषद शुरू हो रही है। ‘ब्रिक्स इन आफ्रीका’: कोलॅब्रेशन फॉर इन्क्लुसिव्ह ग्रोथ अँड शेअर्ड प्रोस्पेरिटी इन द फोर्थ इंडस्ट्रियल रिव्होल्यूशन‘ यह शीर्षक और संकल्पना वाले इस परिषद की तरफ पूरी दुनिया की नजरें लगी हैं। ब्राझिल, रशिया, भारत, चीन और दक्षिण आफ्रीका इन सदस्य देशोंवाले ब्रिक्स ने आफ्रीकन देशों के साथ सहकार्य व्यापक करने का ध्येय सामने रखा है और उसके लिए इस परिषद में विशेष रूपसे कोशिश की जाएगी। साथ ही आफ्रीका महाद्वीप के देशों के साथ व्यापार, निवेश और यहाँ के प्राकृतिक स्त्रोतों के विकास के लिए ब्रिक्स के सदस्य देशों में प्रतियोगिता शुरू हुई है। विशेषतः चीन और भारत इस मोर्चे पर कदम उठा रहे हैं।

जिनपिंग का आफ्रीकन दौरा शुरू हुआ है और उसमें रवांडा, सेनेगल और मॉरिशस इन देशों को भेंट देने वाले हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रवांडा, युगांडा का दौरा करने वाले हैं और द्विपक्षीय सहकार्य बढाने के लिए अनुबंध करने वाले हैं। भारत की तरफ से कृषि और औद्योगिक विकास के लिए करिब दस करोड़ डॉलर्स का कर्ज दिया जानेवाला है। उसी समय प्रधानमंत्री मोदी रवांडा को २०० गाय भेंट के तौर पर देनेवाले हैं। दोनों देशों के बीच बंधुभाव बढे इसके लिए यह भेंट दी जा रही है। रवांडा के बाद प्रधानमंत्री मोदी युगांडा को भेंट देनेवाले हैं। पिछले २१ सालों में इस देशों को भेंट देनेवाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।

युगांडा में बिजली निर्माण के लिए भारत सहायता करनेवाला है और इसके लिए भारत ने १४ करोड़ डॉलर्स से भी अधिक कर्ज देने की तैयारी की है। साथ ही युगांडा के कृषि और दूध उत्पादन क्षेत्र के लिए भारत छः करोड़ ४० लाख डॉलर्स की सहायता देनेवाला है। इसीके साथ ही भारत और युगांडा के बीच सुरक्षा विषयक सहकार्य का अगला पड़ाव प्रधानमंत्री मोदी की भेंट में पार किया जाएगा, ऐसा भरोसा व्यक्त किया जा रहा है। सन २०१० से भारतीय सेना की तरफ से युगांडा को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी आफ्रीका में दाखिल होनेवाले हैं। भारत का आफ्रीकन देशों में होनेवाला व्यापार ५२ अरब डॉलर्स है और पिछले दस साल के अवधि में इसमें लगभग पाँच गुना बढ़ोत्तरी हुई है।लेकिन भारत इस पर संतुष्ट नहीं है और अगले पाँच सालों में अफ्रीकन देशों के साथ अपना व्यापार भारत को तीन गुना बढ़ाना है।

दक्षिण आफ्रीका भारत का महत्वपूर्ण व्यापारी साझेदार देश है। भारत की तरफ से दक्षिण आफ्रीका को ३५० करोड़ डॉलर्स की निर्यात की जाती है। अफ्रीकन देशों को भारत की तरफ से की जाने वाली निर्यात में से दक्षिण आफ्रीका को होने वाली निर्यात १५.४ प्रतिशत है। इस वजह से दक्षिण आफ्रीका के साथ भारत के व्यापारी संबंध अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होते हैं। दौरान, भारत यह आफ्रीकन देशों का चौथे नंबर का व्यापारी साझेदार देश है। भारत का आफ्रीकन देशों में निवेश भी बढती जा रही है और इसमें बढ़ोत्तरी करने के लिए भारत उत्सुकता दिखा रहा है।

इसीलिए भारत की विदेश नीति में आफ्रीका को विशेष महत्व दिया जा रहा है और भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति ने पिछले चार सालों में २३ बार आफ्रीकन देशों के दौरे किए हैं। इस पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह आफ्रीका दौरा राजनीतिक और व्यापारी दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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