कुरान के मजमून को हटाने के प्रस्ताव को लेकर – फ़्रांस में इस्लाम धर्मियों के तीव्र प्रदर्शन

पॅरिस: इस्लामधर्मियों के धर्मग्रंथ कुरान में लिखित हिंसा और ज्यू धर्मियों के बारे में द्वेष फ़ैलाने वाले मजमून को हटाने की माँग फ़्रांस में की जा रही है। फ़्रांस के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष निकोलस सर्कोझी और भूतपूर्व प्रधानमंत्री मॅन्युअल वॉल्स जैसे नेता और ख्यातनाम लेखक और मान्यवर मिलाकर ३०० लोगों के समूह ने यह प्रस्ताव फ्रेंच सरकार के सामने रखा है। यह प्रस्ताव सामने आते ही फ़्रांस के इस्लामधर्मियों ने इसकी कड़ी आलोचना की है और इसके खिलाफ तीव्र प्रदर्शन भी शुरू हुए हैं।

कुरान के मजमून, हटाने, प्रस्ताव, इस्लाम धर्मियों, तीव्र प्रदर्शन, फ़्रांस, मीडियाराजनीतिक नेता, लेखक, अभिनेता और कई क्षेत्र के मान्यवर इन ३०० लोगों में शामिल हैं। कुरान की हिंसा और ज्यू धर्मियों के खिलाफ द्वेष फ़ैलाने वाले हिस्से को हटाने की इस समूह ने की माँग फ़्रांस की मीडिया में प्रसिद्ध हुई थी। पिछले कुछ महीनों में फ़्रांस में आतंकवादी हमले और ज्यू धर्मियों पर हमले दर्ज हुए थे। मार्च महीने में ८५ उम्र की मिरेली क्नॉल नाम की ज्यू महिला पर हमला करके उसकी हत्या की गई थी। इस हत्या का कठोर शब्दों में निषेध करके क्नॉल ज्यू धर्मी होने की वजह से ही उनका खून हुआ है, ऐसा फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युअल मैक्रॉन ने कहा था।

धार्मिक द्वेष के वजह से ही क्नॉल की हत्या हुई है, ऐसा कहकर द्वेष के खिलाफ फ़्रांस में प्रदर्शन हुए थे। साथ ही नौ साल के ज्यू धर्मीय लड़की पर भी इसी वजह से हमला किए जाने की बात सामने आई थी। उस पृष्ठभूमि पर, सदर प्रस्ताव रखा गया है, ऐसा दिखाई दे रहा है। लेकिन इस बारे में जानकारी प्रसिद्ध होते ही, इसकी फ़्रांस के इस्लाम धर्मियों ने तीव्र आलोचना की है। ‘फ़्रांस यह इस्लाम धर्मियों का स्वागत करने वाली भूमि नहीं है, यही इस प्रस्ताव से साबित हुआ है’, ऐसा आरोप कुछ इस्लामधर्मियों ने किया है। साथ ही यह माँग करने वाले इस्लामधर्मियों के पवित्र ग्रंथ का गलत मतलब निकाल रहे हैं, ऐसा आरोप भी इस्लामधर्मियों के संगठनों ने किया है। इतना ही नहीं बल्कि तुर्की के इस्लामधर्मियों से संबंधित सरकार संलग्न विभाग ने फ़्रांस में आए इस प्रस्ताव की आलोचना की है और इसके पीछे षडयंत्र होने का आरोप किया है।

इस तरह की अतिवादी भूमिका लेने वाले पश्चिमी देशों के लोग ‘आईएस’ जैसे कट्टरवादी संगठन के प्रतिनिधि हैं। ‘आईएस’ यह आतंकवादी संगठन कुरान का गलत मतलब निकालता है। यही गलती कुरान के मजमून को हटाने की माँग करने वाले कर रहे हैं, ऐसा तुर्की के सरकारी विभाग ने कहा है। फ़्रांस के कुछ इस्लाम धर्मगुरुओं ने इस प्रस्ताव को विरोध करने वाला संयुक्त निवेदन प्रसिद्ध किया है। पवित्र कुरान के मजमून को हटाने की माँग मतलब ईश्वर की निंदा है, ऐसा आरोप लगाकर यह माँग करने वाले इस्लामधर्मियों की भावनाओं पर वार कर रहे हैं, ऐसी आलोचना इस्लाम धर्मगुरुओं ने की है।

इसके खिलाफ फ़्रांस में कुछ जगहों पर इस्लामधर्मियों ने प्रदर्शन करके अपना असंतोष व्यक्त किया है। आने वाले समय में इससे भी अधिक तीव्र प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी जा रही है।

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