अमरिका का उत्तर कोरिया पर ‘ओटो वॉर्मबियर’ प्रतिबन्ध

वॉशिंगटन: अमरिका ने उत्तर कोरिया पर अबतक के सबसे कठोर प्रतिबन्ध की घोषणा की है, जिससे उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था परेशानी से घेरी गई है, ऐसा दावा किया जा रहा है। उत्तर कोरिया पर लगाया गया यह प्रतिबन्ध ‘ओटो वॉर्मबियर’ के नाम से पहचाना जाता है। उत्तर कोरिया के अत्याचार की वजह से मारे गए अमरिकी विद्यार्थियों का नाम इन प्रतिबंधों को दिया गया है।

अमरिका के प्रतिनिधिगृह में उत्तर कोरिया के प्रतिबंधों का विधेयक प्रस्तुत किया गया था। इस विधेयक के पक्ष में ४१५, विरोध में २ ऐसा चुनाव हुआ है। प्रतिनिधिगृह ने उत्तर कोरिया पर लगाए इन प्रतिबंधों का पूरा समर्थन किया है। साथ ही उत्तर कोरिया से संबंधित बैंक, संगठन, व्यक्ति और कंपनियों के अकाउंट बंद करने के आदेश अमरिका के कोष विभाग को दिए गए हैं।

‘ओटो वॉर्मबियर’उत्तर कोरिया को किसी भी प्रकार की सहायता करने वालों पर कार्रवाई अनिवार्य है, ऐसा प्रतिनिधिगृह के सदस्य अँडी बार ने स्पष्ट किया है। ‘अमरिका की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित होने वाले उत्तर कोरिया के साथ सहकार्य रखा जाए क्या, इस मामले में फैसला सहायता करने वाले लें। अमरिका अथवा उत्तर कोरिया में से किसी एक के साथ व्यवहार किया जा सकता है’, ऐसा इशारा बार ने दीया है। अबतक उत्तर कोरिया पर लगाए प्रतिबन्ध असफल साबित हुए थे। लेकिन इस नए प्रतिबन्ध की वजह से वैश्विक आर्थिक यंत्रणा तक जाने वाला मार्ग भी उत्तर कोरिया के लिए बंद होगा, ऐसा बार ने स्पष्ट किया है।

नए प्रतिबंधों की वजह से उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था को लगभग २.७ अरब डॉलर्स का नुकसान उठाना पड़ेगा। निर्यात पर निर्भर उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था को लगभग ९० प्रतिशत नुकसान उठाना पड़ेगा, ऐसा दावा अमरिकी यंत्रणा कर रही हैं। पिछले महीने में ट्रम्प प्रशासन ने लगाए प्रतिबन्ध की वजहसे उत्तर कोरिया की पेट्रोलियम आयात पर साथ ही टेक्सटाइल उत्पादों की निर्यात पर परिणाम होने का दावा किया जाता है।

अमरिका के साथ साथ ब्रिटन, फ़्रांस और यूरोपीय मित्र देशों ने भी उत्तर कोरिया पर इसके पहले लगाए प्रतिबंधों का स्वागत किया था। चीन ने भी उत्तर कोरिया को निर्यात किए जाने वाले कोयले पर पाबंदी लगाई थी। इस वजह से उत्तर कोरिया की हालत ख़राब होने का दावा चीन ने किया था। लेकिन रशिया ने उत्तर कोरिया पर लगाए गए प्रतिबंधों का विरोध किया था। उत्तर कोरिया की समस्या चर्चा से सुलझाने का आवाहन रशिया ने किया था।

दौरान, पिछले साल जनवरी में उत्तर कोरिया में पर्यटन के लिए गए ‘ओटो वॉर्मबियर’ इस अमरिकी छात्र को उत्तर कोरियन यंत्रणाओं ने कब्जे में लिया था। वॉर्मबियर रह रहे होटल से राजनितिक प्रचार के पोस्टर्स चोरने का आरोप लगाकर उत्तर कोरियन यंत्रणाओं ने वॉर्मबियर को १५ साल कैद बा मशक्कत की सजा सुनवाई थी। साथ ही जेल में इस अमरिकी छात्र के साथ छल भी किया गया था। इस वजह से वॉर्मबियर हॉस्पिटल में बेहोश अवस्था में चला गया था।

इस साल जून महीने में उत्तर कोरिया ने उसको रिहा किया। लेकिन अगले कुछ ही दिनों में वॉर्मबियर की मृत्यु हुई थी। उसकी मृत्यु के बाद अमरिका के साथ दुनिया भर से उत्तर कोरिया पर जोरदार टीका हुई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.