‘किसान रेल’ के भाड़े में ५० प्रतिशत सहुलियत

नई दिल्ली – किसान रेल के ज़रिये कृषि सामान की यातायात करने के लिए किसानों को भाड़े में ५० प्रतिशत सहुलियत देने का निर्णय केंद्र सरकार ने किया है। केंद्रीय अन्न प्रक्रिया मंत्रालय के तहत आत्मनिर्भर अभियान का हिस्सा होनेवाले ‘ऑपरेशन ग्रीन’ के तहत यह सहुलियत प्रदान की जाएगी।

kisan-railरेल के ज़रिये कृषि सामान की यातायात करने से किसानों को अपने उत्पादन तेज़ गति से बाज़ारों में पहुँचाना संभव होगा। इससे कृषि उत्पादन जाया नहीं होगा और किसानों को यही उत्पादन कम खर्च में और जलद गति से बाज़ार में पहुँचाना संभव होगा। इससे कृषि उत्पादनों की अच्छी कीमत भी प्राप्त हो सकेगी। इसके लिए ऑपरेशन ग्रीन के तहत विशेष किसान ट्रेनें केंद्र सरकार ने शुरू किए हैं। इस योजना को किसानों का बड़ा रिस्पान्स प्राप्त हो रहा है।

अधिक से अधिक किसानों को इस सेवा का लाभ प्राप्त हो सके, इस उद्देश्‍य से नए नए मार्ग पर किसान रेल शुरू करके कृषि उत्पादन की यातायात रेल के ज़रिये करने के लिए किसानों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी उद्देश्‍य से किसान रेल से सामान की यातायात करने के भाड़े में किसानों को ५० प्रतिशत सहुलियत प्रदान करने का निर्णय किया गया है। किसान, खुदरा बिक्रेता, सहकारी संस्था, राज्य एवं सहकारी विपणन संस्थाओं को ११ दिसंबर तक इस सहुलियत का लाभ दिया जाएगा।

किसान रेल से सामान की यातायात के लिए तय किए गए कृषि उत्पादनों के भाड़े में ही यह सहुलियत प्रदान की जाएगी। फिलहाल किसान रेल से यातायात के लिए की गई सूचि में आम, केला, अमरूद, किवी, लीची, मौसंबी, संत्रा, नींबू, पपिता, अनन्नस, अनार, सौंफ सेब, आँवला, पेर जैसे फल और घेंवड़ा, करेला, बैंगन, शिमला मिर्च, गाजर, फूलगोभी, हरी मिर्च, भींड़ी, ककड़ी, मटर, प्याज, आलू और टमाटर का समावेश है।

अन्न प्रक्रिया उद्योग मंत्रालय (एमओपीपीआय) आरम्भिक दौर में इस योजना के लिए १० करोड़ रुपये प्रदान कर रही है। यह रक्म दक्षिण-मध्य रेल ज़ोन में जमा की जाएगी। इस निधि का इस्तेमाल होने के बाद भारतीय रेल ‘एमओपीपीआय’ को उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रदान करेगा। इससे किसानों को यह सहुलियत प्राप्त करने के लिए आवेदन भरने की आवश्‍यकता नहीं रहेगी। साथ ही ऑपरेशन ग्रीन योजना के तहत अन्य कुछ शर्तें भी शिथिल की गई हैं।

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