तुर्की से हर साल एक लाख निर्वासित ब्रिटन में आ धमकेंगे

ब्रिटन की रोज़गारमंत्री की चेतावनी

Turkey

लंडन, दि. १३ (वृत्तसंस्था) – ‘तुर्की को यदि युरोपीय महासंघ की सदस्यता दी गयी, तो ब्रिटन में निर्वासितों के झूँड़ घुस जायेंगे। हर साल एक लाख से भी अधिक निर्वासित तुर्की से ब्रिटन में आ धमकेंगे’ ऐसी चेतावनी ब्रिटन की रोज़गारमंत्री प्रीती पटेल ने दी। तुर्की को सदस्यता दी जाने के विरोध में ब्रिटन से तीव्र प्रतिक्रियाएँ आ रहीं होकर, तुर्की ने महासंघ को इस बारे में धमकाया है। ‘ब्रिटीश सरकार ने यदि हमारे दस लाख नागरिकों को ‘व्हिसा-फ़्री’ यात्रा की अनुमति नहीं दी, तो युरोप में लाखों निर्वासित छोड़ देंगे’ ऐसी धमकी तुर्की की सरकार ने दी है।
ब्रिटन के प्रधानमंत्री डेव्हिड कॅमेरॉन ने कुछ महीने पहले तुर्की को युरोपीय महासंघ में समाविष्ट करने की माँग की थी। ‘निर्वासितों की समस्या चाहे कितनी भी बिगड़ जायें, मग़र फिर भी तुर्की को महासंघ की सदस्यता देनी चाहिए’ ऐसा कॅमेरॉन ने पिछले साल कहा था । उसके कुछ समय बाद, तुर्की से आनेवाले निर्वासितों की समस्या और उलझ जाने के बाद, अपनी भूमिका में परिवर्तन करने का आवाहन ब्रिटन में से कॅमेरॉन को किया जा रहा था । उसी में, ‘मायग्रेशन वॉच’ इस अभ्यासगुट ने तैयार किये हुए रिपोर्ट में, तुर्की का महासंघ में प्रवेश ब्रिटन के लिए ख़तरनाक़ साबित होगा, ऐसी चेतावनी दी है ।

तुर्की के महासंघ में प्रवेश के कारण, ब्रिटन में आनेवाले निर्वासितों की संख्या में प्रतिवर्ष चार लाख की बढ़ोतरी होगी, ऐसी चेतावनी इस गुट ने दी । इस कारण सन २०३५ तक ब्रिटन की लोकसंख्या साढ़ेसात करोड़ के ऊपर पहुँच जायेगी, ऐसी चिन्ता भी इस गुट ने व्यक्त की है । साथ ही, ब्रिटन ने यदि महासंघ से ‘एक्झिट’ नहीं की, तो अगले बीस वर्षों में ब्रिटन में दाख़िल होनेवाले निर्वासितों की संख्या में हर साल ढ़ाई लाख की बढ़ोतरी होगी, ऐसी चेतावनी भी इस अभ्यासगुट ने दी है ।

priti patelइस रिपोर्ट का संदर्भ देकर प्रीती पटेल ने प्रधानमंत्री कॅमेरॉन को आगाह किया । तुर्की को यदि महासंघ की सदस्यता दी जाती है, तो वह बात, कॅमेरॉन ने चुनाव से पहले दिये हुए अभिवचनों (इलेक्शन प्रॉमिसेस्) से मुक़र जाने जैसी होगी, ऐसा पटेल ने कहा । साथ ही, ब्रिटन की सुरक्षा को रहनेवाला ख़तरा इससे बढ़ सकता है, ऐसी चिन्ता भी पटेल ने व्यक्त की । लेकिन उसके कुछ घण्टें पहले ही कॅमेरॉन ने, ‘तुर्की को सन ३००० तक भी युरोपीय महासंघ में स्थान नहीं मिलेगा’ ऐसा कहा था ।

गत कुछ दिनों में ब्रिटन एवं तुर्की के बीच के संबंध, ‘व्हिसा-फ़्री ट्रॅव्हल’ के मुद्दे को लेकर बिगड़ गये हैं। ‘कॅमेरॉन सरकार तुर्की के पंद्रह लाख से भी अधिक नागरिकों को ब्रिटन में ‘व्हिसा-फ़्री’ प्रवेश दें’ ऐसी माँग तुर्की कर रहा है । इसके लिए तुर्की की सरकार ने अपनी राजधानी अंकारास्थित ब्रिटन के दूतावास पर भी दबाव डालना शुरू किया है, ऐसे दावें किये जा रहे हैं। ब्रिटीश दूतावास तथा तुर्की के अधिकारियों के बीच हुई गोपनीय चर्चा की जानकारी माध्यमों में लीक हो जाने के कारण सारा मामला दुनिया के सामने आ गया ।

इस चर्चा के दौरान तुर्की ने, ‘यदि हमारे नागरिकों को ब्रिटन ने हमारे नागरिकों को ‘व्हिसा-फ़्री’ प्रवेश नकारा, तो तुर्की का आश्रय कर रहे सारे निर्वासितों के झुँड़ों को ब्रिटन भेज देंगे’ ऐसी धमकी दी होने का दावा किया जाता है । लेकिन तुर्की के नागरिकों को ‘व्हिसा-फ़्री’ प्रवेश देने का सवाल ही पैदा नहीं होता, ऐसा खुलासा ब्रिटन सरकार कर रही है ।

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