तालिबान किसके लिए लड़ रही है? – अफ़गान राष्ट्राध्यक्ष गनी का मार्मिक सवाल

काबुल – तालिबान पुख्ता किसके लिए लड़ रही है? अफ़गानियों के खूनखराबे से किसे लाभ हो रहा है? तालिबान इसका जवाब दे, ऐसा अफ़गान राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने आक्रामकता से कहा है। क्या तालिबान अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के बीच खींची गई ‘ड्युरंड लाईन’ का स्वीकार करेगी? क्या अफ़गानिस्तान के हिस्से का पानी तालिबान बेचेगा? ऐसे कई सवाल करके राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने तालिबान पाकिस्तान का हस्तक होने का गंभीर आरोप लगाया है। साथ ही दूसरे के हस्तक बनकर अफ़गानिस्तान पर राज करने का अवसर तालिबान को कभी भी प्राप्त नहीं होने दिया जाएगा, ऐसा सख्त इशारा भी अफ़गान राष्ट्राध्यक्ष ने दिया है।

खोस्त प्रांत में आयोजित सभा को संबोधित करते समय राष्ट्राध्यक्ष गनी ने जनता को तालिबान के खिलाफ एकजूट होने का आवाहन किया। अफ़गानिस्तान की ८५ प्रतिशत भूमि पर तालिबान द्वारा कब्ज़ा करने के दावे किए जा रहे है। लेकिन, अधिकांश अफ़गान नागरिकों को तालिबान की हुकूमत मंजूर नहीं है। कुछ ठिकानों पर जनता ने तालिबान के विरोध में हथियार भी उठाए हैं और वहां पर महिलाएँ भी अपनी आज़ादी के लिए जी-जान से लड़ने के लिए पहल कर रही हैं, ऐसी खबरें प्राप्त हो रही हैं। साथ ही तालिबान को प्राप्त हो रही सफलता के पीछे पाकिस्तान का समर्थन होने का अहसास अफ़गान जनता को हुआ है और अफ़गानियों के मन में पाकिस्तान के प्रति काफी तिरस्कार निर्माण हुआ है।

इसकी छवि राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने खोस्त में आयोजित सभा में किए भाषण से देखी गई। अफ़गानिस्तान में हिंसा में रोज़ाना २०० से ६०० लोग मारे जा रहे हैं। इस हिंसा के लिए तालिबान ही ज़िम्मेदार होने का आरोप राष्ट्राध्यक्ष गनी ने लगाया। अफ़गान जनता स्वतंत्र, गणतांत्रिक अफ़गानिस्तान के अस्तित्व के लिए एकजूट हो’, यह संदेश राष्ट्राध्यक्ष गनी ने इस दौरान दिया।

साथ ही पाकिस्तान अफ़गानिस्तान पर ड्युरंड लाईन थोंपने की कोशिश कर रहा है और क्या यह लाईन तालिबान मंजूर करेगी? यह सवाल करके अफ़गान राष्ट्राध्यक्ष ने तालिबान को मुश्‍किलों में ड़ाला है। अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान की ड्युरंड लाईन सबसे अधिक विवादित सीमा के तौर पर पहचानी जाती है। इस ड्युरंड लाईन के विवाद में अफ़गानिस्तान ने वर्ष १९४७ में पाकिस्तान को देश के तौर पर मंजूरी देने से इन्कार किया था। 

इसके बाद बीते ७४ वर्षों से दोनों देशों के बीच ड्युरंड लाईन का विवाद जारी है और पाकिस्तान की सीमा चौकियों और तारों की बाड़ भी अफ़गानिस्तान को मंजूर नहीं है। पाकिस्तान अफ़गानिस्तान की सीमा में इन चौकियाँ एवं बाड़ का निर्माण कर रहा है, यह आरोप अफ़गानिस्तान लगाता रहा है। इस ड्युरंड लाईन के विवाद पर अफ़गान और पाकिस्तानी सेना के बीच संघर्ष होने की खबरें भी प्राप्त होती हैं। ऐसी स्थिति में तालिबान ने ड्युरंड लाईन के विषय पर पाकिस्तान से समझौता तो नहीं किया है ना? यह सवाल करके राष्ट्राध्यक्ष गनी ने तालिबान पर गंभीर आरोप लगाए।

इसी बीच तालिबान ने अफ़गानिस्तान के २०० जिलों पर कब्ज़ा किया होने के दावे किए जा रहे हैं। इसी बीच कुछ ठिकानों पर अफ़गान सेना ने तालिबान को पीछे हटने के लिए मज़बूर भी किया है। कुछ हिस्सों में अफ़गान सेना और तालिबान में घनघोर संघर्ष हो रहा है और इस संघर्ष में मारे जा रहे तालिबानी आतंकियों में पाकिस्तानी सैनिकों का समावेश होने की बात भी सामने आ रही है। इस पर अफ़गानिस्तान की सरकार ने पाकिस्तान को गंभीर परिणामों का इशारा दिया था।

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