विदेशी हमलावरों का खतरा बढ़ने से उत्तर कोरिया और चीन के सहयोग की अहमियत बढ़ी – उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जाँग उन का दावा

प्योनयांग/बीजिंग – विदेशी हमलावर ताकतों से होनेवाले खतरे की पृष्ठभूमि पर उत्तर कोरिया और चीन के सहयोग की अहमियत बढ़ने का दावा उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जाँग उन ने किया है। दोनों देशों की मित्रता और सहयोग के समझौते के छह दशक पूरे होने के अवसर पर चीन को दिए गए संदेश में किम जाँग उन ने यह बयान किया है, ऐसा कोरियन वृत्तसंस्था ने कहा है। चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने भी दोनों देशों के सहयोग को नई उंचाई प्रदान करने का वादा किया होने का दावा उत्तर कोरिया की वृत्तसंस्था ने किया है।

उत्तर कोरिया के तानाशाह ने कुछ दिन पहले ही अमरीका को परमाणु हमले की धमकी दी थी। साथ ही संघर्ष के लिए तैयार रहने के आदेश भी उन्होंने अपने अफसरों को दिए थे। अमरीका में बायडेन प्रशासन की सरकार बनने के बाद उत्तर कोरिया ने अपनी लष्करी एवं परमाणु गतिविधियाँ बढ़ाने की जानकारी भी सामने आयी है। मार्च में उत्तर कोरिया ने तीन मिसाईल परीक्षण भी किए थे। उत्तर कोरिया के परमाणु प्रकल्प में नई गतिविधियाँ शुरू होने की रपट भी अंतरराष्ट्रीय अभ्यासगुटों ने पेश की थी। 

इस पृष्ठभूमि पर उत्तर कोरिया चीन के साथ संबंधों को अधिक मज़बूती देने पर जोर दे रहा है, यह बात किम जाँग उन ने जिनपिंग को दिए संदेश से दिख रही है। इससे पहले मार्च में बीजिंग में दोनों देशों के वरिष्ठ अफसरों की चर्चा हुई थी। इसमें किम जाँग उन और राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के बीच अहम संदेशों का आदान-प्रदान होने की बात कही जा रही थी। दोनों देशों का परंपरगात गठबंधन अधिक मज़बूत करने के मुद्दे पर इस दौरान बातचीत हुई थी।

विश्‍लेषकों के दावों के अनुसार चीन और उत्तर कोरिया में जारी गतिविधियाँ चीन की साज़िश का हिस्सा है। कोरोना की महामारी, इंडो-पैसिफिक में हो रही गतिविधियाँ और मानव अधिकारों के उल्लंघन जैसे मुद्दों पर चीन की हुकूमत की घेराबंदी हो रही है। इससे बचने के लिए चीन पश्‍चिमी देशों के गुट पर दबाव ड़ालने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए चीन उत्तर कोरिया का इस्तेमाल कर रहा है, ऐसा विश्‍लेषकों का दावा है।

चीन उत्तर कोरिया की हुकूमत पर सबसे अधिक प्रभाव ड़ालनेवाला देश है। छह दशक पहले उत्तर कोरिया के साथ मित्रता और सहयोग का समझौता और इस दौरान समय समय पर की हुई बढ़ोतरी, चीन का उत्तर कोरिया पर प्रभाव बरकरार रहने की बात दर्शाता है। आर्थिक सहायता, अन्न की आपूर्ति एवं अन्य सहायता के माध्यम से चीन ने उत्तर कोरिया की हुकूमत पर अपना प्रभाव बरकरार रखा है। उत्तर कोरिया के परमाणु अस्त्रों के निर्माण में भी चीन का ही हाथ होने का दावा किया जा रहा है।

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