अमरीका के बायडेन प्रशासन ने रशिया को यूक्रेन का २० प्रतिशत क्षेत्र देने का प्रस्ताव दिया था – स्विस-जर्मन माध्यमों का दावा

बर्लिन/मास्को/वॉशिंग्टन – अमरीका ने यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए रशिया के सामने ‘लैण्ड फॉर पीस डील’ के माध्यम से यूक्रेन का २० प्रतिशत क्षेत्र देने का प्रस्ताव दिया था, ऐसा सनसनीखेज दावा स्विस-जर्मन अखबार ने किया है। अमरीका की गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआईए’ के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने रशिया एवं यूक्रेन का दौरा करके यह प्रस्ताव पेश किया था, ऐसा ‘एनएनज़ेड’ नामक अखबार ने अपने वृत्त में कहा है। इसके लिए दो जर्मन सांसदों द्वारा साझा की हुई जानकारी का दाखिला दिया गया है।

रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू हुए एक साल पूरा हो रहा है और यह संघर्ष थमने के कोई आसार नज़र नहीं आ रहे हैं। लेकिन, युद्ध शुरू होने के शुरुआती दिनों में रशिया ने यूक्रेन को शांति समझौते का प्रस्ताव दिया था, यह रशिया बार-बार कहती है। इसके कुछ महीनों बाद अमरीका और यूरोप के कुछ देश भी युद्ध से तंग आने से यूक्रेन पर शांति के लिए दबाव डालने की कोशिश में होने के वृत्त माध्यमों ने प्रसिद्ध किए थे। अमरिकी कूटनीतिज्ञ एवं पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हेन्री किसिंजर ने भी यूक्रेन को अपना कुछ क्षेत्र छोड़ने की तैयारी की सलाह दी थी। लेकिन, यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने ऐसे सारे प्रस्ताव ठुकराए थे।

इस पृष्ठभूमि पर स्विस अखबार ने इससे संबंधित जारी किया वृत्त सनसनी फैलानेवाला है। ‘एनएनज़ेड’ द्वारा जारी वृत्त के अनुसार जनवरी में ‘सीआई’ के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने रशिया की राजधानी मास्को एवं यूक्रेन का दौरा किया। इस दौरान बर्न्स ने प्रस्ताव दिया था कि, यूक्रेन का २० प्रतिशत क्षेत्र लेकर रशिया यह युद्ध रोक दे। यूक्रेन के सामने भी यही प्रस्ताव रखा गया था। लेकिन, दोनों देशों ने यह प्रस्ताव ठुकराए, ऐसा कहा जा  रहा है। बर्न्स के प्रस्ताव में यूक्रेन के ‘डोन्बास’ के क्षेत्र का समावेश था, ऐसा कहा जा रहा है।

फिलहाल रशिया ने लुहान्स्क, डोनेत्स्क, खेर्सन और झैपोरिझिआ यह चार प्रांत रशियन संघ राज्य का हिस्सा होने का ऐलान किया है। इनमें से लुहान्स्क प्रांत पूरी तरह से रशिया के कब्ज़े में हैं और अन्य तीन प्रांतों का कुछ हिस्सा यूक्रेन ने दोबारा हासिल किया है। लेकिन, ऐसे क्षेत्रों पर रशिया के जोरदार हमले जारी हैं और पिछले कुछ दिनों में रशिया को इस मोर्चे पर भड़ी सफलता मिलने की बात सामने आ रही है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन और अन्य प्रमुख नेताओं ने भी सैन्य अभियान के उद्देश्य पूरी तरह से प्राप्त किए बिना रशिया नहीं रुकेगी , यह स्पष्ट किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.