पाकिस्तान में हिज़बुल मुजाहिद्दीन के तीसरे क्रमांक का नेता ढ़ेर – पाकिस्तानी माध्यमों ने भारतीय गुप्तचर संगठन पर लगाए आरोप

लाहोर – भारत में आंतकवादी हमले करवाने वाली आतंकी संगठन हिज़बुल मुजाहिद्दीन के तीसरे क्रमांक का वरिष्ठ नेता ‘बशीर अहमद पीर’ उर्फ ‘इम्तियाज आलम’ पाकिस्तान में ढ़ेर हुआ है। सोमवार के दिन रावलपिंड़ी में हुई गोलीबारी में इम्तियाज आलम के मारे जाने की जानकारी सामने आयी है। इस वजह से हिज़बुल मुजाहिद्दीन के साथ ही इस संगठन के पीछे खड़ी पाकिस्तान की ‘आयएसआय’ के लिए यह बड़ा झटका समझा जा रहा है। पाकिस्तान की इस गुख्यात गुप्तचर संगठन ने शीघ्रता से इस हमले की जांच शुरू की है। लेकिन, इम्तियाज आलम के मारे जाने की खबर का भारत में बड़ा स्वागत हो रहा है।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले करना एवं भारत के विरोध में दुष्प्रचार की ऑनलाईन मुहीम चलना एवं हिज़बुल, ‘लश्कर ए तोयबा’ और अन्य आतंकी संगठनों को साथ लाने में इम्तियाज आलम का हाथ था। इसके अलावा जम्मू और कश्मीर में चरमपंथी विचारधारा को बढ़ावा देकर भारत के विरोध में द्वेष भावना फैलाने के लिए उसने अपनी यंत्रणा खड़ी की थी। इसके अलावा जम्मू और कश्मीर में हमले करने के लिए इम्तियाज आलम ने पाकिस्तान ने कब्ज़ा किए कश्मीर में आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने के अड्डे बनाए थे। वह जम्मू और कश्मीर में हमले करने की तैयारी में जुटा होने के दावे भी किए जा रहे थे।

भारत ने ‘मोस्ट वॉन्टेड’ घोषित किए आतंकवादियों में इम्तियाज आलम का समावेश था। जम्मू और कश्मीर में किए गए आतंकी हमलों का सुत्रधार रहे इम्तियाज आलम की तलाश में भारतीय सुरक्षा यंत्रणा थी। लेकिन, वह पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय होने वाले रावलपिंडी शहर में पैर जाए थे। सोमवार की रात एक दुकान के बाहर खड़े इम्तियाज आलम पर दो अज्ञात हमलावरों ने काफी नज़दिक से गोलीयां चलाई। इसके बाद यह हमलावर भाग गए।

इम्तियाज आलम को शीघ्रता से अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन उसकी पहले ही मौत हुई थी। हिज़बुल मुजाहिद्दानी के तीसरे क्रमांक का नेता इस तरह से मारे जाने से इस आतंकी संगठन को बड़ा झटका लगता दिख रहा है। हिजबुल एवं अन्य आतंकवादी संगठनों का समर्थन करके उन्हें सूचना दे रही पाकिस्तान की कुख्यात गुप्तचर संगठन ‘आयएसआय’ भी इम्तियाज के मारे जाने से दहल गयी है। इस हमले की जांच भी आयएसआय ने शुरू करने की खबरे प्राप्त हुई हैं। पाकिस्तान के अखबारों ने इस हमले के पीछे भारतीय गुप्तचर संगठन रॉ का हाथ होने का आरोप लगाया है।

कंदहार विमान अपहरण मामले में शामिल ‘जैश ए मोहम्मद’ का आतंकी जहूर मिस्त्री को भी अज्ञात हमलावरों ने मार दिया था। उस समय भी पाकिस्तानी माध्यमों ने इसके पीछे रॉ का हाथ होने ला आरोप लगाया था। साथ ही मुंबई पर २६/११ का हमला करवाने वाले हफीज सईद के घर के बाहर हुए विस्फोट के पीछे भी भारत की गुप्तचर संगठन की साजिश होने के आरोप पाकिस्तान ने लगाए थे। लेकिन, यह आरोप साबित करने वाला एक भी सबूत पाकिस्तान ने पेश नहीं किया है। 

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