रशिया के भंड़ार में पर्याप्त शस्त्र मौजूद – पूर्व राष्ट्राध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव

मास्को – ‘रशिया के प्रतिद्वंद्वी रशिया इस्तेमाल कर रहे हथियारों पर लगातार नज़र बनाए हैं। उनसे बार बार दावे किए जा रहे है कि, रशिया के हथियारों का भंड़ार कम हो रहा हैं या खत्म हुआ हैं। लेकिन, हम उनकी उम्मीद तोड़ देंगे। रशिया के पास युद्ध के लिए उचित और पर्याप्त हथियारों का भंड़ार हैं’, ऐसा रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष और सिक्युरिटी कौन्सिल के उप-प्रमुख दिमित्री मेदवेदेव ने कहा।

रशिया-यूक्रेन संघर्ष शुरू होकर ११ महीनों से अधिक समय बीता है। इस दौरान रशिया ने भारी मात्रा में टैंक, रॉकेटस्‌‍, ड्रोन्स, लड़ाकू विमान एवं मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया था। यूक्रेन ने रशिया के कई टैंक और अन्य रक्षा यंत्रणा नष्ट करने के दावे एवं फोटो जारी किए थे। साथ ही ब्रिटेन और अन्य पश्चिमी गुप्तचर यंत्रणा रशिया का शस्त्र भंड़ार कम होने के दावे किए जा रहे थे। कुछ दिन पहले ही यूक्रेन की यंत्रणा ने रशिया के पास सीर्फ ५५० मिसाइल बचे होने का बयान किया था।

इस पृष्ठभूमि पर मेदवेदेव ने किया बयान ध्यान आकर्षित कर रहा हैं। मेदवेदेव को युद्ध काल में रशियन सेना के लिए हथियारों का निर्माण कर रहे ‘मिलिटरी इंडस्ट्रिअल कमिशन’ का ज़िम्मा भी सौंपा गया हैं। पिछले कुछ दिनों में उन्होंने रशिया के विभिन्न हथियार उत्पाकद कारखानों की यात्रा करने की जानकारी भी सामने आयी हैं। इस वजह से मेदवेदेव ने रशिया के हथियार भंड़ार को लेकर बयान करके यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों को उचित इशारा दिया दिख रहा है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने भी पिछले महीने रशिया के कुछ प्रमुख रक्षा कारखानों का दौरा करके हथियारों की आपूर्ति का दर्जा एवं गति के विषय पर विशेष निर्देश दिए थे।

इस बीच, रशियन सेना ने झैपोरिझिआ प्रांत में हमला करने की यूक्रेन की बड़ी योजना नाकाम करने का दावा रशिया के रक्षा विभाग ने किया है। यूक्रेन ने मेलिटोपोल और बर्डिआन्स्क शहर पर जवाबी हमले करने की योजना बनाई थी। लेकिन, रशिया ने पहले ही हमले करके यूक्रेन की योजना नाकाम कर दी, ऐसा रशियन अधिकारी ने कहा। पिछले कुछ दिनों में रशियन सेना ने झैपोरिझिआ के दो अहम शहरों की ओर बढ़ना शुरू करने की जानकारी रशिया ने प्रदान की है।

रशिया का प्रगत विध्वंसक ‘एडमिरल गोर्शकोव’ अटलांटिक महासागर में दाखिल हुआ हैं और इस विध्वंसक ने ‘झिरकॉन’ हायपरसोनिक मिसाइलों के साथ युद्धाभ्यास करने का दावा रशियन रक्षा मंत्रालय ने किया हैं।

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