कुलभूषण जाधव के संदर्भ में पाकिस्तानी सरकार का बड़ा फैसला – सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने की अनुमति दी

इस्लामाबाद – भारतीय जासूस होने का आरोप करके कुलभूषण जाधव को फाँसी की सज़ा सुनानेवाले पाकिस्तान ने अब उन्हें न्यायालय में अपील करने की अनुमति दी। इसके लिए पाकिस्तान की संसद में प्रस्ताव पारित किया गया। उसके बाद पाकिस्तान की संसद में बड़ा कोहराम मचा। इस मसले पर पाकिस्तान की सरकार और विपक्षी एक-दूसरे पर गंभीर आरोप कर रहे हैं।

फिलहाल पाकिस्तान की सरकार और लष्कर भारत के सामने शांति और चर्चा के प्रस्ताव रख रहे हैं। अमरीका अफगानिस्तान से सेना वापसी करते समय, पाकिस्तान के तालिबान के साथ संबंध बिगड़े हैं। इस कारण, अफगानिस्तान की सीमा के साथ ही, पाकिस्तान के अंतर्गत सुरक्षा को भी बहुत बड़ी चुनौती मिल सकती है। उसी समय पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था टूटने की कगार पर है। ऐसी स्थिति में भारत के साथ चर्चा करके पाकिस्तान अपनी अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को बढ़ा सकता है। इसके लिए पाकिस्तान की जानतोड़ कोशिश चालू है। पाकिस्तान की संसद में कुलभूषण जाधव के बारे में पारित हुआ प्रस्ताव, यह भी पाकिस्तान की इन्हीं कोशिशों का भाग साबित होता है।

कुलभूषण जाधव का ईरान की सीमा में से, आतंकवादियों के जरिए अपहरण करके उन्हें पाकिस्तान लाया गया था। वे भारत के जासूस होने का दावा करके, उन्होंने बलुचिस्तान में खून-खराबा करवाया होने का आरोप पाकिस्तान ने रखा था। पाकिस्तान के लष्करी न्यायालय ने जाधव को फाँसी की सजा भी सुनाई थी। लेकिन इसके विरोध में अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय में अपील करनेवाले भारत को बहुत बड़ी सफलता मिली। कुलभूषण जाधव पर की जा रही कार्रवाई अवैध है, यह बताकर अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय ने जाधव को क़ानूनी सहायता की आपूर्ति करने के आदेश पाकिस्तान को दिए थे।

बहुत समय तक पाकिस्तान ने इस आदेश पर अमल नहीं किया था। लेकिन अब भारत के साथ संबंध सुधारने की ज़रूरत महसूस होने के कारण, पाकिस्तान की सरकार ने अपनी संसद में जाधव के संदर्भ में प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव के कारण जाधव, अपने विरोध में हुई नाइन्साफी के खिलाफ न्यायालय में अपील कर सकते हैं। भारत ने इस फैसले का स्वागत किया। लेकिन जाधव को अगर भारतीय वकील नहीं मिला अथवा आवश्यक होनेवाली अन्य कानूनी सुरक्षा नहीं मिली, तो पाकिस्तान की संसद में पारित हुए इस प्रस्ताव का अंशमात्र भी मतलब नहीं है, ऐसा भारत के विदेश मंत्रालय ने जताया है।

इस मसले पर पाकिस्तान की संसद में बड़ा कोहराम मचा। कुलभूषण जाधव के विरोध में कड़ी कार्रवाई ना करने का आरोप करके, इम्रान खान ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की कड़ी आलोचना की थी। उसके लिए नवाज शरीफ को ‘गद्दार’ कहनेवाले इम्रान खान को अब शरीफ की पार्टी के नेता उसी भाषा में जवाब दे रहे हैं। उसी समय, हमारे नेता पर गद्दारी के आरोप लगानेवाले इम्रान खान, अब जाधव के संदर्भ में ऐसा प्रस्ताव कैसे प्रस्तुत कर सकते हैं, इसका जवाब विपक्षियों द्वारा पूछा जा रहा है।

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