कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान असफल और भारत सफल हुआ – पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने माना

संयुक्त राष्ट्र संघ – अनाज की किल्लत, महंगाई में उछाल, बेरोजगारी की समस्याओं के अलावा कर्ज़ प्राप्त करने के लिए लगभग प्रत्येक देश के सामने हाथ फैलाने वाले पाकिस्तान को अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर इस बड़ी असफलता की चिंता नहीं सताती। अब यह भी स्पष्ट हुआ है कि, कश्मीर का मसला संयुक्त राष्ट्र संघ के अजेन्ड़ा पर प्राप्त असफलता का काफी बड़ा दु:ख पाकिस्तान को सता रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टा ने यह बात मानी। कश्मीर के मसले पर भारत संयुक्त राष्ट्र संघ में बड़ी दृढता से और बुलंद आवाज़ में अपनी भूमिका पेश करता है और इससे आगे पाकिस्तान का कुछ नहीं चलता, यह बिलावल भुट्टा ने स्वीकार किया।

संयुक्त राष्ट्र संघ के मानव अधिकार आयोग के सामने इस वर्ष भी पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कश्मीर का मसला उठाकर भारत की आलोचना की। उनके आरोप जवाब देने लायक नहीं हैं, ऐसा कहर भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र संघ में फटकार लगाई थी। शुक्रवार को राष्ट्र संघ के महिला आयोग के सामने बोलते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कश्मीर का मुद्दा उठाकर भारत पर आरोप लगाए। कश्मीर समस्या से संयुक्त राष्ट्र संघ का कोई लेना देना नहीं है, यह साबित करने में भारत सफल रहा, यह दावा भुट्टा ने किया।

जब-जब पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर का मसला उठाता है तब-तब भारत इस पर काफी सख्त और भारी आवाज़ में प्रतिक्रिया देता है। इसकी वजह से संयुक्त राष्ट्र संघ के एजेन्ड़ा पर कश्मीर का मसला उठाना पाकिस्तान के लिए मुश्किल हो रहा है क्योंकि, भारत इस मोर्चे पर सफल रहा है, ऐसा भुट्टा ने स्पष्ट किया। यह दावे करते हुए भुट्टो ने भारत का ज़िक्र ’हमारा मित्र देश’ कहकर किया। लेकिन, अगले ही वाक्य में उन्होंने कहा कि, यह हमने सद्भाव से नहीं कहा बल्कि, यह हमारी भूल थी और भारत का ज़िक्र पड़ोसी देश कहकर किया।

इसी बीच, भारत को विदेश नीति के मोर्चे पर मिल रही सफलता की ओर पाकिस्तान के विश्लेषक और पत्रकार टकटकी बांधकर देखते हैं। भारत ने सात दशकों में इतनी प्रगति की है कि, एक ही समय पर भारत अमरीका और रशिया दोनों के साथ अच्छे ताल्लुकात रखे हुए है। इस पर पाकिस्तान के माध्यम अचरज में पड गए हैं। जी २० परिषद का आयोजन करने वाला भारत कश्मीर मसले पर पाकिस्तान को अलग थलग करने में पूरी तरह से सफल हुआ है। बड़े देशों का एक भी नेता पाकिस्तान का दौरा नहीं करना चाहता। लेकिन, भारत की यात्रा प्रमुख देशों के नेता लगातार कर रहे हैं। यह भारत की काफी बड़ी सफलता और पाकिस्तान की विफलता है, ऐसा दावा पाकिस्तान के पत्रकार कर रहे हैं। इसके बावजूद इस असफलता की बिलावल भुट्टो ने विदेश मंत्री के नाते दी हुई कबूली ध्यान आकर्षित कर रही है।

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