यूरोपिय महासंघ और ब्रिटेन द्वारा रशिया के ‘वैग्नर ग्रुप’ को आतंकवादी घोषित करने की गतिविधियां

पैरिस/लंदन/मास्को – यूक्रेन युद्ध में सक्रिय योगदान दे रहे रशिया की निजी सैन्य कंपनी ‘वैग्नर ग्रुप’ को आतंकवादी घोषित करने की गतिविधियां शुरू हुई हैं। यूरोपिय महासंघ और ब्रिटेन ने इसके लिए पहल करने का वृत्त प्रसिद्ध हुआ है और फ्रान्स की संसद में इससे संबंधित एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। इससे पहले यूरोप के लिथुआनिया और इस्टोनिया इन देशों ने ‘वैग्नर ग्रुप’ को आतंकवादी संगठन घोषित किया है।
रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के करीबी येव्गेनी प्रिगोझिन की स्थापित ‘वैग्नर ग्रुप’ को निजी सैन्य कंपनी के तौर पर जाना जाता है। रशियन सेना के पूर्व सैनिक एवं अधिकारी इस कंपनी का हिस्सा हैं। साथ ही कई विदेशी नागरिक भी इस कंपनी में शामिल होने की बात कही जा रही है। ‘वैग्नर ग्रुप’ पुतिन की नीति को आगे बढ़ानेवाला गुट होने का आरोप पश्चिमी देश लगा रहे हैं।
पिछले कुछ महीनों में अफ्रीका के विभिन्न देशों में भी ‘वैग्नर ग्रुप’ की बढ़ती मौजुदगी दिखाई पड़ी है। इसमें माली, सूड़ान, मोझांबिक, लीबिया, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक जैसे देशों का समावेश हैं। यूरोपिय देश एवं अमरीका ने इसपर बार बार आवाज़ उठाई हैं और अफ्रीकी देशों को चेतावनियां भी दी गई हैं। लेकिन, अफ्रीकी देशों ने इसे अनदेखा किया और सुरक्षा के लिए आवश्यक सहायता पाने की वजह बयान की है।
लेकिन, ‘वैग्नर ग्रुप’ के माध्यम से रशिया का अफ्रीका और अन्य देशों की बढ़ता हस्तक्षेप पश्चिमी देशों को काफी चूभ रहा हैं। अमरीका और यूरोपिय महासंघ ने इससे पहले ‘वैग्नर ग्रुप’ पर प्रतिबंध लगाए हैं। लेकिन, यह कार्रवाई पर्याप्त ना होने से अब इस गुट को सीधे आतंकवादी घोषित करने की गतिविधियां शुरू हुई हैं। इससे पहले प्रतिबंध लगाने की हुई कार्रवाई के बाद रशिया की सरकार ने हमारा और ‘वैग्नर ग्रुप’ का  संबंध ना होने की बात स्पष्ट की है। लेकिन, आतंकवादी गुट करार देने के बाद रशिया आक्रामक प्रतिक्रिया दर्ज़ कर सकती हैं, ऐसा दावा विश्लेषक कर रहे हैं।
ब्रिटेन के गृह विभाग ने ‘वैग्नर ग्रुप’ को आतंकवादी गुट घोषित करने का प्रस्ताव तैयार किया है और कुछ ही दिनों में इसपर अंतिम निर्णय होगा, ऐसा वृत्त ‘द टाईम्स’ नामक ब्रिटिश अखबार ने दिया है।

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