ईरान अफ़्रीकी देशों के साथ इंधन के बदले में सोने का व्यवहार करेगा

तेहरान: अमरिका के नए प्रतिबंधों की चिंता से परेशान ईरान ने अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अफ़्रीकी देशों के साथ इंधन के बदले में सोने का व्यवहार करने के संकेत दिए हैं। ईरान की रोहानी सरकार से संलग्न ‘हसन खोस्रोवेर्दी’ ने दी जानकारी के अनुसार, ईरान ने अफ़्रीकी देशों के साथ ‘बार्टर सिस्टम’ अर्थात वस्तुविनिमय करने की तैयारी की है। ऐसा हुआ तो ईरान अमरिका ने लगाए आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करने में सफल होगा, ऐसा दावा ईरानी विश्लेषक कर रहे हैं। ‘ईरान-अफ्रीका कौंसिल फॉर इकनोमिक कोऑपरेशन’ के अध्यक्ष ‘हसन खोस्रोवेर्दी’ ने दो दिनों पहले राजधानी तेहरान में आयोजित ईरान अफ्रीका व्यापार विषयक सहकार्य पर बोलते समय यह जानकारी दी है। इन में आयोजित की गई इस बैठक के लिए केनिया, अल्जेरिया, आयव्हरी कोस्ट, मॉरिशेनिया और घाना के राजदूत उपस्थित थे।

आने वाले कुछ दिनों में अमरिका ईरान पर नए प्रतिबन्ध घोषित करने वाला है। अमरिका के यह प्रतिबन्ध ईरान के साथ इंधन और व्यापार विषयक व्यवहार करने वाले देशों को भी लागू होने वाला है। अमरिका के नए प्रतिबंधों की वजह से ईरान के साथ डॉलर्स में व्यवहार करना इसके आगे प्रतिबंधित हो सकता है।

अमरिका के इन प्रतिबंधों की वजह से पहले से ही संकट में गिरी ईरान की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो सकती है। इस पृष्ठभूमि पर ईरान को अपने सहकारी देशों के साथ व्यवहार करते समय पर्यायी मुद्रा का अथवा वस्तुविनिमय का रास्ता स्वीकार करना पड़ेगा, ऐसा खोस्रोवेर्दी ने स्पष्ट किया है।

अफ़्रीकी देशों के साथ के व्यवहार के विषय में बोलते समय खोस्रोवेर्दी ने ईरान के सामने की समस्याओं को स्पष्ट किया है। अफ़्रीकी देशों को उनकी निर्यात के व्यवहार पैसों के माध्यम से चाहिए, लेकिन ईरान के व्यापारी इसके आगे ऐसे व्यवहार करेंगे ही ऐसा नहीं, ऐसे संकेत खोस्रोवेर्दी ने दिए हैं।

ईरान और अफ्रीका के बीच व्यापारी सहकार्य कायम रखना है तो वस्तुविनिमय करना आवश्यक है, ऐसा खोस्रोवेर्दी ने कहा है। सोने के साथ ही अफ़्रीकी देश ईरान के इंधन के लिए कृषि विषयक उत्पादनों के व्यवहार भी कर सकते हैं, ऐसा दावा खोस्रोवेर्दी ने किया है।

खोस्रोवेर्दी ने वस्तुविनिमय में सोने का उल्लेख करते समय किसी भी अफ्रीकन देश का नाम नहीं लिया है। लेकिन आने वाले वक्त में ईरान घाना के साथ इंधन के बदले में सोने का व्यवहार कर सकता है, ऐसा ईरानी विश्लेषकों का कहना है। अफ्रीका महाद्वीप में दक्षिण अफ्रीका के बाद घाना यह सोने की निर्यात करने वाला दूसरा बड़ा देश है। पिछले कुछ सालों में घाना और ईरान के बीच अच्छा सहकार्य प्रस्थापित हुआ है और ईरान घाना को इंधन की बड़ी निर्यात करता है। इसका इस्तेमाल करके ईरान घाना को इंधन के बदले में सोने का वस्तुविनिमय कर सकता है, ऐसा कहा जा रहा है।

अब तक ईरान ने संयुक्त अरब अमिरात और दक्षिण अफ्रीका की तरफ से सोने की आयात की थी। लेकिन पिछले कुछ सालों में ईरान के अमिरात के साथ रिश्ते बिगड़ गए हैं और ईरान के बाजार में सोने की मांग बढ़ रही है। अमरिका के प्रतिबंधों के डर की वजह से ईरान के व्यापारी पर्यायी निवेश के तौर पर सोने की खरीदारी कर रहे हैं, ऐसा दावा अमरिका के एक अख़बार ने किया था। लेकिन अमरिका के प्रतिबंधों की वजह से ईरान की मुद्रा ‘रियाल’ की गिरावट का परिणाम ईरान के सोने के दामों पर हो रहा है।

दौरान, आने वाले ६ अगस्त को अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ईरान पर नए प्रतिबंधों की घोषणा करने वाले हैं।

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