अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पाकिस्तान पर काफी सख्त हैै – प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की तकरार

इस्लामाबाद – पाकिस्तान का विदेश मुद्रा भंड़ार फिसलकर पिछले दस सालों के सबसे नीचले स्तर पर पहुंचा है और इस देश की तिजोरी में अब महज़ तीन अरब डॉलर्स बचे है। इससे मात्र कुछ ही दिन सामान की आयात करना पाकिस्तान को मुमकिन होगा। इस तरह से पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की मुश्किल हुई हैं और ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने सहायता मुहैया करने के बजाय पाकिस्तान की बातचीत से घेराबंदी की है, ऐसी शिकायत इस देश के प्रधानमंत्री ने की है। ईंधन और बिजली के दर बढ़ाकर आर्थिक अनुशासन के लिए ज़रूरी निर्णय नहीं किए तो ऋण सहायता प्राप्त नहीं होगी, यह इशारा मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को पहले ही दिया था।

हाल ही में पाकिस्तान की सरकार ईंधन की किमत एक ही दिन में ३५ रुपयों से बढ़ाने के लिए मज़बूर हुई थी। जनता पर इसका बड़ा भयंकर असर हुआ है। जनता यह निर्णय करने पर पाकिस्तानी सरकार की कड़ी आलोचना कर रही है। इसके बाद पाकिस्तान बिजली के दरों में बड़ी बढ़ोतरी करे, ऐसी मांग अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने की है। मुद्रा कोष के अधिकारी फिलहाल पाकिस्तान पहुँचकर पाकिस्तान की सरकार से चर्चा कर रहे हैं। इस बातचीत में पाकिस्तान मुद्रा कोष से मुमकिन होगा, उतनी अधिक गति से कुछ अरब डॉलर्स की ऋण सहायता पाने की कोशिश कर रहा हैं। लेकिन, पहले के तजूर्बों के मद्देनज़र मुद्रा कोष ने पाकिस्तान के सामने काफी सख्त शर्ते रखी हैं।

पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से अबतक २३ बार ऋण सहायता प्राप्त की थी। हर बार यह कर्ज़ लेते समय पाकिस्तान ने मुद्रा कोष की शर्ते स्वीकार ने की तैयारी दिखाई थी। लेकिन, इनमें से काफी शर्ते स्वीकारने से पाकिस्तान ने मना किया। यह देश किसी भी स्थिति में आर्थिक अनुशासन का पालन करने के लिए तैयारी नहीं हैं, यह समझने के बाद मुद्रा कोष ने नया ऋण मुहैया करने से पहले आपने ने पहले स्वीकारी शर्तों का वास्तव में पालन करे, यह इशारा पाकिस्तान की सरकार को दी है। इस वजह से कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान की सरकार ईंधन की कीमत ३५ रुपये बढ़ाने के लिए मज़बूर हुई थी। लेकिन, बिजली के दर बढ़ाए तो जनता के प्रक्षोभ का सामना करना होगा, इसका पूरा अहसास रखने वाली पाकिस्तान की सरकार यह निर्णय करने से हिचकिचा रही हैं। इसी कारण से मुद्रा कोष हमारी सरकार से बड़ा सख्त व्यवहार कर रहा है, ऐसी शिकायत प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ कर रहे हैं।

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