2022-23 के वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 7.2 प्रतिशत विकासदर से प्रगति की

नई दिल्ली – 2022-23 के आर्थिक वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकासदर 7.2 प्रतिशत होने की घोषणा देश के प्रमुख आर्थिक सलाहकार व्ही. अनंत नागेश्वर ने की। कृषि, उत्पादन और कन्स्ट्रक्शन तथा खनिज क्षेत्र के बेहतरीन प्रदर्शन के कारण इस लक्ष्य को हासिल किया गया, ऐसा कहते हुए नागेश्वर ने उसपर सन्तोष ज़ाहिर किया। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था लगभग 3.3 ट्रिलियन डॉलर्स पर जा पहुँची है, ऐसा राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने कहा है। दुनियाभर के प्रमुख देशों की अर्थव्यवस्थाएँ संकट में फ़ँसीं हैं, ऐसे में, भारतीय अर्थव्यवस्था ने साध्य की यह प्रगति उल्लेखनीय साबित होती है। 

भारतीय अर्थव्यवस्थाजनवरी से मार्च इस आख़िरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 6.1 प्रतिशत से प्रगति की। इस कारण 2022-23 के वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकासदर 7.2 टक्के इतनी दर्ज़ की गयी, ऐसा नागेश्वर ने कहा। साथ ही, इस वित्तीय वर्ष में घाटा 6.71 प्रतिशत से गिरकर 6.4 प्रतिशत पर आ पहुँचा है, इस बात पर भी प्रमुख आर्थिक सलाहकार ने ग़ौर फ़रमाया। हाल के वित्तीय वर्ष में यह घाटा 5.9 प्रतिशत तक नीचे लाने के प्रयास किये जायेंगे, ऐसा व्ही. अनंत नागेश्वर ने आगे कहा। आनेवाले दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था ज़बरदस्त तेज़ी से प्रगति करेगी, ऐसा वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम के प्रमुख में हाल ही में कहा था। भारतीय अर्थव्यवस्था के वर्तमान प्रदर्शन के मद्देनज़र, उन्होंने यह विश्वास ज़ाहिर किया था।

2022-23 के वित्तीय वर्ष में दुनियाभर की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का प्रदर्शन निराशाजनक था। जर्मनी जैसी दुनिया की चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था होनेवाले देश को भी मंदी से नुकसान हुआ है। वहीं, अमरीका की अर्थव्यवस्था दिवालिया बनने की कग़ार पर खड़ी दिखायी दे रही है। दुनिया की दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था होनेवाले चीन से प्रकाशित किये जानेवाले आँकड़ें चिंताजनक होने की चर्चा है। ऐसी परिस्थिति में दुनिया की पाँचवें नंबर की अर्थव्यवस्था होनेवाला भारत शानदार आर्थिक प्रदर्शन कर दिखा रहा है, यह ग़ौरतलब बात साबित होती है।

इस प्रगति के कारण भारत की विश्वसनीयता बढ़ी होकर, भारत में आनेवाला ठेंठ विदेशी निवेश का प्रवाह भी बढ़ता हुआ दिखायी दे रहा है। इसकी मिसाल देकर, इस निवेश की वजह से भारत का विकास अधिक सुनिश्चित होगा और उससे अधिक आर्थिक प्रगति होकर रोज़गारनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा, ऐसा वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम के प्रमुख ने कहा था। इस नये रोज़गारनिर्माण के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक ही तेज़ी से प्रगति करेगी, ऐसा दावा वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम के प्रमुख ने किया था।

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