भारत अन्न और ईंधन सुरक्षा के लिए कार्य कर रहा हैं – विदेश मंत्री एस.जयशंकर

पनामा सिटी – पूर्व और पश्चिमी देशों में जारी ध्रुवीकरण के बीच में उत्तरी और दक्षिणी देशों के बीच दरार बढ़ रही हैं। ऐसे में भारत इन सभी को जोड़ने का काम कर रहा हैं, ऐसा बयान विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने किया है। गयाना से मध्य अमरिकी देश पनामा पहुंचे विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत की यह भूमिका स्पष्ट की। साथ ही अन्न और ईंधन सुरक्षा के लिए भारत विशेष कोशिश कर रहा हैं, क्यों कि इससे विकासशील देशों की आर्थिक प्रगति सुनिश्चित होगी, ऐसा भी जयशंकर ने कहा।

बेलिझ, कोस्टा रिका, डॉनिकन रिपब्लिक, अल सल्वाडोर, ग्वाटेमाला, होंडुरास और पनामा इन देशों के ‘सेंट्रल अमेरिकन इंटीग्रेशन सिस्टिम’ (एसआईसीए) संगठन के साथ भारत की चौथी बैठक हुई। पनामा में आयोजित इस बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत में आयोजित हो रहे ‘जी २०’ बैठक में विकासशील और गरीब देशों का पक्ष रखने की गवाही दी। साथ ही भारत अन्न और ईंधन सुरक्षा के लिए कर रहे व्यापक कोशिशों का अहसास भी जयशंकर ने इस दौरान कराया। इसके लिए भारत धान को बढ़ावा दे रहा हैं, ऐसा जयशंकर ने कहा।

पूर्व और पश्चिमी देशों में ध्रुवीकरण हो रहा हैं और तभी उत्तरी और दक्षिणी देशों के बीच दरार बढ़ रही हैं। ऐसे दौर में भारत इस सभी को जोड़नेवाले पूल के तौर पर काम कर रहा हैं, ऐसा दावा जयशंकर ने किया। क्यों कि, वसुधैव कुटुबकम्‌ यही भारत की नीति हैं और इसी के अनुसार विश्व यह एक परिवार ही हैं, यह विश्वास भारत रखथा है। कोरोना के दौर में भारत ने वैक्सिन मित्रता का अभियान चलाकर गरीब और विकासशील देशों को कोरोना के टीके मुहैया किए थे, इसकी याद भी जयशंकर ने इस अवसर पर करायी।

कोरोना की महामारी और बाद में शुरू हुए यूक्रेन युद्ध की वजह से विश्व के सामने खड़े हुए संकट और मौसम में हो रहे बदलावों के परिणामों की चुनौतियों का भी विश्व को मुकाबला करना पड़ रहा हैं। ऐसी स्थिति में ग्लोबल साउथ का हिस्सा होने वाले १२५ देशों की परिषद का आयोजन करके भारत ने इन देशों की आवाज़ अभी प्रभावी ढ़ंग से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने की तैयारी जुटाई होने के मुद्दे पर भी भारत के विदेश मंत्री ने ध्यान आकर्षित किया।

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