संघर्षग्रस्त सुड़ान से २७८ भारतियों को निकाला गया

नई दिल्ली – सुड़ान से तकरीबन २७८ भारतियों को बाहर निकाला गया हैं। नौसेना का ‘आईएनएस सुमेधा’ जहाज़ इन २७८ लोगों को लेकर सौदी अरब के जेद्दाह बंदरगाह पहुंच रहा है, यह जानकारी विदेश मंत्रालय ने प्रदान की। अंदरुनि संघर्ष में झुलसने वाले सुड़ान से भारतियों का यह पहला बैच बाहर निकला है और इसके बाद अधिक भारतियों को सूड़ान से बाहर निकालने की गतिविधियां शुरू हुई हैं। सूड़ान में फंसे भारतीयों की संख्या तीन हज़ार बताई जा रही है।

भारत सूड़ान के विभिन्न हिस्सों में फंसे भारतियों को पोर्ट सूड़ान तक पहुंचाने की कोशिश में लगा है। सोमवार तक तकरीबन पांच सौ भारतीय पोर्ट सूड़ान पहुंचे थे। इनमें से २७८ लोगों को पोर्ट सूड़ान से ‘आईएनएस सुमेधा’ से सौदी के जेद्दाह पहुंचाया जा रहा हैं। वहां से उन्हें भारत लाया जाएगा। इसके लिए भारतीय वायु सेना के विमान पहले से ही सौदी में पहुंच चुके हैं। ‘आईएनएस सुमेधा’ के अलावा अब ‘आईएनएस तेग’ जहाज़ भी सूड़ान के बंदरगाह पहुंचा है। इससे सूड़ान से अधिक तेज़ी से भारतियों को वहां से सुरक्षित निकालना मुमकिन होगा।

भारतियों को बाहर निकालने के कार्य में सौदी अरब और फ्रान्स भारत की सहायता कर रहे हैं। साथ ही सुड़ान से भारतीयों को वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन कावेरी’ के तहत सूड़ान में फंसे श्रीलंकन नागरिकों को भी बाहर निकालने का प्रस्ताव भारत ने दिया था। इसका श्रीलंका के विदेश मंत्री ने स्वागत किया है और इसके लिए भारत का शुक्रिया अदा किया गया है। इसी बीच सुड़ान में फंसे विदेशी नागरिकों को बाहर निकलने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों ने ७२ घंटे का युद्ध विराम शुरू किया था। इससे सुड़ान से भारत और अन्य देशों के नागरिकों को बाहर निकालने की जोरदार कोशिश की जा रही है।

युद्ध विराम के दौरान भी सुड़ान में कुछ ठिकानों पर रक्तपात होने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। इसकी वजह से अपने रहने के ठिकाने से हवाई अड्डा या बंदरगाह तक पहुंचना सुड़ान में फंसे विदेशी नागरिकों के लिए मुश्किल है। फिर भी इन नागरिकों को सुरक्षित रिहा करने के लिए प्रमुख देशों ने साथ मिलकर कोशिश शुरू की है और इसमें सौदी अरब सबसे आगे दिखाई दे रहा हैं।

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