ताइवान विवाद में यूरोप किसी के भी पक्ष में खड़ा ना हो – फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष की सलाह

पैरिस – ताइवान का विवाद यूरोप का मुद्दा नहीं है। इस वजह से यूरोप इस विवाद में ना उतरें, इसमें हम उतरते हैं तो यूरोप के लिए बड़ा खतरा बन सकता हैं। इस वजह से यूरोपिय देश अपनी रणनीतिक आज़ादी का इस्तेमाल करके ताइवान मामले को लेकर अमरीका या चीन इनमें से किसी के भी पक्ष में खड़े ना हो, ऐसी सलाह फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने दी। तीन दिन चीन का दौरा करके लौटे फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने स्थानीय अखबार से बातचीत करते हुए यूरोप ताइवान मुद्दे पर निष्पक्ष रहें, ऐसा सुझाव दिया।

‘ताइवान के संकट में उतरना, क्या वास्तव में अपने हित का होगा, ऐसा सवाल यूरोपिय देशों ने अपने आप को करने की ज़रूरत हैं। बिल्कुल नहीं, उल्टा इस मामले में अमरीका के अजेंड़े पर चलते हैं तो वह यूरोपिय देशों के लिए घातक साबित होगा और चीन की इसपर तीव्र प्रतिक्रिया सामने आएगी’, ऐसा फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने कहा।

यूरोप ने अमरीका के अजेंड़ा पर चलने की बिल्कुल ही ज़रूरत नहीं हैं, यह कहते हुए राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने ताइवान की स्थिरता का मुद्दा भी उठाया। ‘ताइवान की खाड़ी की स्थिरता सबसे अधिक अहम हैं। इस वजह से सैन्य ताकत का इस्तेमाल करके इस क्षेत्र की मौजूदा स्थिति बदलने की कोशिश बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी’, इन शब्दों में फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने चीन को भी लक्ष्य किया। ‘अभी हम यूक्रेन का मसला खत्म करने में भी सफल नहीं हो सकते हैं, ऐसे में ताइवान मसले का हल कैसे निकाल सकते हैं’, इन शब्दों में मैक्रॉन ने यूरोपिय देशों का ध्यान यूक्रेन पर आकर्षित किया।

फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने इससे पहले भी यूक्रेन संघर्ष को लेकर यूक्रेन और अमरीका को परेशानी देने वाले बयान किए थे। इस युद्ध को रोकने के लिए फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन से मुलाकात करके इस मुद्दे पर कई बार चर्चा की थी। साथ ही रशिया के साथ ईंधन सहयोग के मुद्दे पर भी स्वतंत्र भूमिका अपनाने के संकेत फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने दिए थे। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन रशिया के साथ चर्चा करने का विरोध कर रहे हैं और तभी राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने रशिया के साथ चर्चा संभव होने के दावे किए थे।

इसी बीच, अमरीका की रिपब्लिकन पार्टी के सिनेटर मार्को रुबिओ ने फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने अपनाई भूमिका पर नाराज़गी व्यक्त की है। अमरीका भी यूक्रेन के संकट के दौरान यूरोपिय महासंघ का साथ छोड़ती हैं को वह क्या ठिक होगा, ऐसा सवाल करके रुबियो ने मैक्रॉन का अनुमान घातक होने की चेतावनी दी है। फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष की तरह ही यूरोप की भूमिका होती हैं तो अमरीका भी आगे किसी के भी पक्ष में खड़ी ना हो। सीर्फ ताइवान के लिए बन रहे खतरे पर ही अमरीका ने ध्यान देना होगा, यह कहकर यूक्रेन की समस्या यूरोप ही संभाले, ऐसी फटकार रुबिओ ने लगाई हैं।

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