कोरोना की ओर परमाणु हमले जितनी ही गंभीरता से देखना चाहिए – ‘सेंटर फॉर लाँग-टर्म रेझिलियन्स’ की सूचना

‘सेंटर फॉर लाँग-टर्म रेझिलियन्स’लंडन – फैलाई गई कोरोना की महामारी भविष्यकालीन चुनौतियों का सामना करने की तैयारी के लिए सबसे बड़ा अवसर साबित होती है। इस अवसर का फायदा उठाकर दुनिया जैविक युद्ध, परमाणु युद्ध और अनियंत्रित बनते चले जा रहे आर्टिफिशल इंटेलिजन्स के संकट को मात देने के लिए गतिविधियाँ शुरू करें, ऐसा अभ्यासकों ने जताया है। कोरोना और कोरोना जैसी महामारियों की ओर दुनिया परमाणु युद्ध जितनी ही गंभीरता से देखें, ऐसी सलाह ‘सेंटर फॉर लाँग-टर्म रेझिलियन्स’ इस अभ्यास गुट के विशेषज्ञों ने दी ।

कोरोना की महामारी को जानबूझकर फैलाया गया होकर कामा यह भयंकर साजिश का हिस्सा होने के आरोप हो रहे हैं। इसके लिए किन को जिम्मेदार करार दिया जा रहा है। लेकिन ऐसा होने के बावजूद भी इस महामारी का सामना करते समय विकसित देशों की स्वास्थ्य यंत्रणाए भी हतबल हुई दिख रही थी। महासत्ता होने वाली अमेरिका में कोरोना की महामारी ने छः लाख से अधिक लोगों की जान ली है। इस पृष्ठभूमि पर, इस महामारी को और भविष्य में सामने आने वाली चुनौतियों की संभावनाओं को प्रस्तुत करनेवाली ‘फ्युचर प्रूफ’ नामक रिपोर्ट ‘सेंटर फॉर लाँग टर्म रेझिलियन्स’ के विशेषज्ञों ने तैयार की है।

भविष्य में सामने आ सकने वाली चुनौतियों का सामना करने की तैयारी करने का मौका कोरोना की महामारी के कारण सामने आया है। ऐसा मौका जीवन में एक ही बार मिल सकता है और उससे सरकारों को उचित सबक सीखना ही होगा। जैविक युद्ध का सामना करने के लिए हमें सिद्ध होना चाहिए, यह संदेश हमें कोरोना की महामारी से मिला है, ऐसा इस रिपोर्ट में नमूद किया गया है।

अपघात से अथवा जानबूझकर विकसित किए गए वायरसों के कारण महामारी कितनी भयंकर मात्रा में दुनियाभर में हाहाकार मचा सकती है, इसका अनुभव कोरोना की महामारी से मिल रहा है। जेनेटिक परिवर्तन कराके वायरसों का भयंकर हथियार जैसा इस्तेमाल हो सकता है, यह बात इससे सामने आई है। अगर यह तंत्रज्ञान गलत हाथों में पड़ा, तो उससे भीषण परिणामों की श्रृंखला शुरू होगी, इसका भी एहसास दुनिया को इस उपलक्ष्य में हुआ तो अच्छा है, ऐसा भी इस रिपोर्ट में जताया गया है।

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