ईरान की गश्ती जहाजों पर हमला करने के लिए ‘क्लस्टर’ से तैनात अमरिकी विमानों की गश्त

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन: पर्शियन खाड़ी से यात्रा करने वाले व्यापारी तथा लष्करी जहाजों पर ‘स्वार्म’ हमलें करनेवाले ईरान के निगरानी जहाजों पर कार्रवाई की तैयारी अमेरिका ने की है| पर्शियन खाडी की हवाई सीमा में गश्त करने वाले ‘एफ-१५ई स्ट्राइक इगल्स’ लड़ाकू विमान अमेरिका ने क्लस्टर बॉम्ब से सज्ज किए हैं| ‘क्लस्टर बम’ से सज्जित इन विमानों की तैनाती करके अमरिका विदेशी जहाजों पर हमलें करने की घोषणा करने वाले ईरान को चेतावनी देती का दिखाई दे रही हैं|

‘संयुक्त अरब अमिराती’ (युएई) के ‘अल धाफ्रा’ हवाई अड्डे पर अमरिका के ‘स्ट्राइक इगल्स’ विमानों का बेड़ा तैनात हैं| इस बेड़े में से कुछ विमानों ने पिछले कुछ दिनों से पर्शियन खाड़ी में गश्त शुरू करने की जानकारी अमरिका के एक लष्करी अभ्यास गुट ने दी हैं| वर्णित अभ्यास गुट ने दो दिनों पहले अमरिकी विमानों के फोटोग्राफ्स प्रसिद्ध कर यह दावा किया हैं| पर्शियन खाड़ी से अरब सागर तक गश्त करने वाले ये विमान हवा से हवा में हमला करने वाले मध्यम श्रेणी के ‘एमराम’ और हवा से जमीन पर हमला करने वाले ‘बीएलयु १७/बी’ इन मिसाइलों से सज्ज होने का अभ्यास गुट ने बताया हैं|

इनमें से ‘बीएलयु १७/बी’ यह मिसाइल क्लस्टर विस्फोटकों से भरा हुआ हैं| इस मिसाइल से बाहर निकलने वाले छोटे विस्फोटक बड़ी तबाही करने की क्षमता रखते हैं| बड़ी संख्या में तैनात गश्ती जहाजों को लक्ष्य करने के लिए वर्णित मिसाइल सहायक साबित हो सकता हैं| इस कारण पिछले एक महीने में पर्शियन खाड़ी से यात्रा करने वाले अरब तथा पश्चिमी देशों के जहाजों का खतरनाक पीछा करने वाले अथवा अपहरण करने वाले ईरान के निगरानी जहाजों पर अमरिका ने क्लस्टर बॉम्ब ताने रखने का दिखाई देता हैं|

ईरान के निगरानी जहाजों का नेतृत्व ‘रिव्होल्यूशनरी गार्डस्’ के पास हैं| इन्हीं जहाजों ने पिछले महीने में ब्रिटन का ‘ऑईल टँकर’ कब्जे में लिया था| साथ ही अमरिका और ब्रिटेन के जहाजों का खतरनाक तरीके से पीछा किया था| ईरान के निगरानी जहाजों की इन कार्रवाईयों के कारण खाड़ी से यात्रा करने वाले विदेशी जहाजों की सुरक्षा ख़तरे में आने का कहा जाता था| इस पृष्ठभूमि पर, क्लस्टर बॉम्ब से सज्ज विमानों की तैनाती कर अमरिका ने ईरान को चेतावनी देने का दावा इस अभ्यास गुट किया हैं|

संघर्ष में ‘क्लस्टर बॉम्ब’ के उपयोग पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्रतिबंध लगाए थे| साथ ही इससे पहले इस बॉम्ब के उपयोग पर आंतरराष्ट्रीय समुदाय से काफी आलोचना हुई हैं| इस्रायल ने हिज्बुल्लाह के खिलाफ संघर्ष में लेबेनॉन में ‘क्लस्टर बॉम्ब’ का उपयोग करने का आरोप हुआ था| इस्रायल ने यह आरोप ठुकराया था| तो ओबामा प्रशासन ने भी इस बॉम्ब का उपयोग नहीं करने की भूमिका स्वीकारी थीं| लेकिन वर्ष २०१७ में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने यह प्रतिबंध निकालकर अमरिका के लड़ाकू विमान ‘क्लस्टर बॉम्ब’ से सज्ज करने के आदेश जारी किए थे|

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