आर्क्टिक क्षेत्र में चीन की जासूसी शुरू होने का कनाड़ा का दावा

ओटावा/बीजिंग – चीन की आर्क्टिक क्षेत्र में जासूसी शुरू होने का दावा कनाड़ा ने किया है। कुछ महीने पहले कनाड़ा की सेना ने चलाए एक अभियान में आर्क्टिक क्षेत्र के समुद्री क्षेत्र में चीनी ‘बायोज्‌‍’ (तैरते उपकरण) पाए गए थे। यह चीनी उपकरण कनाड़ा के रक्षा बल ने अपने हिरासत में लिए हैं। इसी महीने के शुरू में अमरीका और कनाड़ा की सीमा में चीन का ‘स्पाइ बलून’ एवं अज्ञात वस्तू मंड़राने की घटना सामने आयी थी। इसके बाद अब चीन भी इस समुद्री क्षेत्र में जासूसी करने की कोशिश में होने की बात स्पष्ट हुई है।

कनाड़ा के शीर्ष अखबार ‘द ग्लोब ॲण्ड मेल’ ने चीनी जासूसी का यह वृत्त जारी किया है। पिछले साल कनाड़ा के रक्षा बलों ने देश की सुरक्षा के लिए बने खतरों को भांपकर इसे परस्त करने के लिए ‘ऑपरेशन लिम्पिड’ नामक अभियान चलाया था। इसके तहत कनाड़ा के रक्षा बलों ने समुद्री एवं हवाई क्षेत्र में अतिरिक्त तैनाती के साथ नियमित गश्त लगाना शुरू किया था। इसी बीच आर्क्टिक क्षेत्र में स्थित कनाड़ा की सीमा में ‘चीनी बायोज्‌‍’ पाए गए। कनाड़ा के रक्षा बल ने यह उपकरण अपने हिरासत में लिया है। लेकिन, इसकी अधिक जानकारी साझा नहीं हुई थी। 

आर्क्टिक क्षेत्रचीनी स्पाइ बलून की घटना के बाद ऐसी घटनाओं की जांच कर रही कनाड़ा के माध्यमों ने चीनी बायोज्‌‍ की घटना से जुड़ी जानकारी पता चली। कनाड़ा के शीर्ष अखबार ‘द ग्लोब ॲण्ड मेल’ ने इसे खंगाला और चीनी जासूसी का मामला सार्वजनिक किया। यह वृत्त प्रसिद्ध होने के बाद कनाड़ा के रक्षा विभाग इसपर खुलासा करने के लिए मज़बूर हुआ हैं। ‘कनाड़ा के समुद्री एवं हवाई सीमा में चीन की जारी जासूसी की गतिविधियों की पूरी जानकारी रक्षा विभाग को हैं। चीन द्वारा दोहरे इस्तेमाल करने की तकनीक से बनाए उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है’, ऐसा कनाड़ा के रक्षा विभाग के प्रवक्ता डैनियल ले बॉथिलिअर ने कहा।

कनाड़ा के पूर्व सेना अधिकारी मायकल डे ने चीन द्वारा अमरिकी पनडुब्बियां एवं आर्क्टिक की अन्य संवेदनशील गतिविधियों की निगरानी करने के लिए ‘बायोज्‌‍’ रवाना किए होंगे, ऐसा दावा किया है। इस महीने के शुरू में ही चीन के ‘स्पाइ बलून’ का मामला सामने आया था। अमरीका ने चीन के स्पाइ बलून को नष्ट करने पर चीन ने इसपर तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की थी। अमरीका ने बेवजह सैन्य ताकत का प्रयोग करके बलून को गिराया, ऐसा आरोप चीनी हुकूमत ने लगाया था। इसके बाद अब आर्क्टिक में ‘बायोज’ के ज़रिये जासूसी करने का मामला सामने आने से चीन की गतिविधियों का मुद्दा फिर से चर्चा का विषय होने की संभावना दिख रही है।

कनाड़ा के गुप्तचर विभाग ने कुछ महीने पहले ही चीनी हुकूमत ने कनाड़ा के चुनाव में अपना प्रभाव इस्तेमाल करने की चेतावनी दी थी। इससे संबंधित एक रपट भी कनाड़ा की गुप्तचर यंत्रणा ने तैयार की है और इसपर विपक्ष ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्य्रुड्यू और शासकों को किनारे पकड़ा है। कनाड़ा ने पिछले कुछ सालों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत विरोधी भूमिका अपनाना शुरू करने की बात दिख रही है। लेकिन, व्यापारी और आर्थिक स्तर पर चीन से जारी सहयोग कम करने में कनाड़ा ने ज्यादा उत्सुकता नहीं दिखाई हैं। कनाड़ा की सरकार प्रदान कर रहें ठेकों के साथ देश के कई संवेदनशील क्षेत्र में चीनी कंपनियों का भारी निवेश होने की जानकारी भी सामने आयी है। इस वजह से कनाड़ा की ट्य्रूड्यू सरकार चीन को लेकर दोगली और सौम्य नीति अपना रही है, ऐसा आरोप विपक्ष लगा रहा है। 

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