मिलिट्री ड्रोन्स में ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ का इस्तेमाल – ‘पेंटागन’ और ‘गूगल’ का ‘प्रोजेक्ट मॅव्हेन’

वॉशिंग्टन: अमरिका का रक्षा विभाग ‘पेंटागन’ की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन्स में ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ का इस्तेमाल करने के लिए ‘गूगल’ की मदद लेने की जानकारी सामने आई है। ‘पेंटागन’ ने पिछले वर्ष दिसम्बर महीने से ‘आईएस’ विरोधी संघर्ष में इस तकनीक का इस्तेमाल शुरू करने की जानकारी सामने आई है और ‘गूगल’ के तकनीशियन और कर्मचारियों ने इस पर तीव्र नाराजगी जताई है। पिछले कुछ वर्षों में ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ के रक्षा क्षेत्र में इस्तेमाल को लेकर जोरदार विवाद शुरू है, ऐसे में यह खबर सामने आने की वजह से खलबली मची है।

तकनीक के विषय में जानकारी देने वाली वेबसाईट के तौर पर पहचाने जाने वाली ‘गिझ्मोड़ो’ इस वेबसाईट ने इस सन्दर्भ में जानकारी प्रसिद्ध की है। उसके अनुसार, पिछले वर्ष अप्रैल महीने में अमरिका के रक्षा विभाग ने ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ का इस्तेमाल करने के बारे में स्वतंत्र योजना शुरू करने की घोषणा की थी। इस योजना को ‘अल्गोरिथम वॉरफेअर क्रॉस-फंक्शनल टीम’ ऐसा नाम दिया गया था। इस योजना का सांकेतिक नाम ‘प्रोजेक्ट मॅव्हेन’ रखा गया। ‘प्रोजेक्ट मॅव्हेन’ के लिए रक्षा विभाग के विविध विभागों के साथ साथ निजी कंपनियों की सहायता लेने का निर्णय लिया गया था।

इसके लिए गूगल को व्हर्जिनिया प्रान्त की ‘ईसीएस फेडरल’ इस कंपनी के माध्यम से ठेका दिया गया है। गूगल पिछले कुछ वर्षों से ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है और उसीका ही एक हिस्सा ‘डीप लर्निंग’ और ‘व्हिजन रेकग्निशन’ में बड़े पैमाने पर प्रगति हुई है, ऐसा कहा जाता है। ‘पेंटागन’ की तरफ से दिए गए प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए ‘गूगल’ ने विशेष टीम भी बनाई थी। यह टीम पेंटागन के ‘ड्रोन एनालिस्ट’ को मदद करने का काम करती थी, यह बात सामने आई है।

‘पेंटागन’ की तरफ से पिछले दशक भर में विविध कार्रवाइयों के लिए बड़े पैमाने पर ‘ड्रोन्स’ का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस ‘ड्रोन्स’ से मिली जानकारी के विश्लेषण के बाद ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया था। इस तकनीक के बलबूते पर ‘पेंटागन’ के ‘मिलिट्री ड्रोन्स’ को ‘एडवांस्ड कंप्यूटर व्हिजन’ प्राप्त कराके देने का उद्दिष्ट सामने रखा गया है। इस वजह से अमरिका के रक्षा विभाग को कार्रवाई चल रहे क्षेत्र में बार बार घूमने वाले संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करना संभव होगा, ऐसा दावा किया जा रहा है।

अमरिका के हवाई दल के वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल ‘जॉन एन. टी. जैक शैनाहन’ पर ‘प्रोजेक्ट मॅव्हेन’ की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पिछले वर्ष अप्रैल महीने में ‘प्रोजेक्ट मॅव्हेन’ पर काम शुरू होने के बाद, दिसंबर २०१७ में ‘आईएस’ विरोधी कार्रवाई में उसका सफल इस्तेमाल किए जाने की जानकारी ‘गिझ्मोड़ो की खबर में दी गई है। ‘प्रोजेक्ट मॅव्हेन’ के लिए आर्थिक प्रावधान की जानकारी नहीं दी गई है, फिर भी ‘पेंटागन’ ने सन २०१७ में ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ तकनीक के लिए लगभग ७.४ अरब डॉलर्स खर्च करने की जानकारी ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ इस अकबर ने दी है।

सन २०१६ में अमरिकी रक्षा विभाग ने प्रगत तकनीक का लष्कर में इस्तेमाल निश्चित करने के लिए ‘डिफेन्स इनोवेशन बोर्ड’ की स्थापना की थी। ‘गूगल’ के स्वामित्व वाली कंपनी के तौर पर पहचानी जाने वाली ‘अल्फाबेट’ इस कंपनी के भूतपूर्व प्रमुख एरिक श्मिड्ट ‘डिफेन्स इनोवेशन बोर्ड’ के प्रमुख हैं। उन्होंने ही ‘मिलिट्री ड्रोन’ की योजना में ‘गूगल’ की सहायता लेने की सिफारिश की थी, ऐसा कहा जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.