रेलवे में ’वी.आय.पी.’ कल्चर की समाप्ती

नई दिल्ली: पिछले कई महीनों मे एक के पीछे एक हुए रेलवे दुर्घटना की पृष्ठभूमि पर सरकार ने रेलवे के ‘वीआईपी’ कल्चर को जोरदार झटका दिया है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारीयों को मिलने वाले ‘वीआईपी’ सुविधा बंद होने वाली है और इसके लिए ३६ वर्ष पुराने नियम मे भी बदलाव लाने का निर्णय लिया गया है। वैसे आदेश रेलवे मंत्रालय ने अपने सभी विभाग एवं अधिकारीयों को दिए है। तथा रेलवे के वरिष्ठ अधिकारीयों के घर काम करने वाले हजारों ट्रैकमन अधिकारीयों का घरेलु काम छोड़कर अपनी मूल काम पर वापस आने के आदेश दिए गए है।

’वी.आय.पी.' कल्चर

सरकार से रेलवे की कार्य प्रणाली मे बदलाव किया गया है। इस के अनुसार रेलवे अधिकारीयों को मिलने वाली ‘वीआईपी’ सुविधा बंद की जा रही है और अधिकारीयों के दौरे मे उन के आदान-प्रदान मे ध्यान देने के बजाय अपने काम पर ध्यान दे ऐसा कहा गया है। सन १९८१ साल के सरकार के परिपत्रक के अनुसार रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष या सदस्य दौरे पर होते समय, व्यवस्थापक की उपस्थिति अनिवार्य थी तथा वरिष्ठ अधिकारीयों के दौरे मे उन्हें विशेष सुविधा मिल रही थी। यह परिपत्रक रद्द किया जा रहा है और वैसी सूचना रेलवे मंत्रालय ने पत्रक जारी कर के सभी विभाग के अधिकारीयों को भेजी गई है।

किसी भी अधिकारी का दौरा हुआ तो अपना काम छोड़कर अपने कनिष्ठ अधिकारी उन के स्वागत के लिए ना भागे तथा पुष्पगुच्छ एवं भेंट वस्तु न दे ऐसा रेलवे मंत्रालय ने सूचित किया है।

वरिष्ठ अधिकारीयों के घर मे मिलने वाले अतिरिक्त सुविधाओं मे भी कटौती की गई है। काम पर और घर मे सादगी को अपनाएं ऐसा अधिकारीयों को कहा गया है। विशेष तौर पर अनेक वरिष्ठ रेलवे अधिकारीयों के घर कनिष्ठ दर्जा के कर्मचारियों को घरेलू काम के लिए रखा जाता था। इस नियमबाह्य अनुचित प्रवृत्ति को भी जोरदार झटका दिया गया है। वरिष्ठ अधिकारीयों के घर मे काम करनेवाले बड़ी तादाद मे ट्रैकमन का समावेश है।

रेलवे के लगभग ३० हजार ट्रैकमन उच्च पदस्थ अधिकारीयों के घर नौकरों की तरह घरेलु काम करने की बात स्पष्ट हुई थी। इस की वजह से ट्रैक के देखभाल पर कर्मचारी नजरअंदाज कर रहे है और इस काम के लिए कर्मचारी कम पड़ रहे है। पिछले महीने मे इसी प्रकार के वरिष्ठ अधिकारीयों के घर मजबूरी मे काम करने वाले कर्मचारियों को अपने काम पर वापस आने के आदेश दिए गए थे। उसके बाद अब तक लगभग ७ हजार कनिष्ठ कर्मचारी फिर से रेलवे ट्रैक के देख भाल का काम करने की बात उजागर हुई है।

लगातार हो रही रेलवे दुर्घटनाओं की जांच के दौरान यह चौंकाने वाली बात सामने आयी थी। उसके बाद रेलवे के कामकाज मे बड़ा बदलाव अपेक्षित होकर ‘वीआयपी’ कल्चर को मिला झटका यह उसकी शुरूआत होने के संकेत मिल रहे है।

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