परमाणु अप्रसार संधि समझौते के लिए तैयार ऑस्ट्रेलिया को अमरीका की चेतावनी

कैनबेरा – ऑस्ट्रेलिया जल्द ही परमाणु अस्त्रों का निर्मा, परीक्षण, इस्तेमाल या इनके भंड़ारण पर पुरी पाबंदी लगाएगा। ऑस्ट्रेलिया की एंथनी अल्बानीज की सरकार ने जल्द ही इससे संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर करने का निर्णय किया हैं, ऐसीं खबरें प्राप्त हो रही हैं। ऑस्ट्रेलिया के इस ध्यान आकर्षित कर रहें निर्णय का न्यूझीलैण्ड ने स्वागत किया है। लेकिन, इससे बेचैन हुए अमरिकी प्रशासन ने ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी दी है। अल्बानीज की सरकार ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए तो ऑस्ट्रेलिया न्यूक्लियर अम्ब्रेला से बाहर किया जाएगा और अमरीका ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा नहीं कर सकेगी। इससे दोनों देशों के रक्षा सहयोग पर असर होगा, ऐसा इशारा अमरीका ने दिया है।

अब तक ऑस्ट्रेलिया की रक्षा नीति अमरीका पर निर्भर थी। शत्रु ने हमला किया तो इससे ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा करने की गवाही अमरीका ने दी थी। शीत युद्ध के दौर में ही अमरीका ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड इन दो देशों को ‘न्युक्लियर अम्ब्रेला’ यानी परमाणु सुरक्षा समझौते का हिस्सा बनाया था। सोवियत रशिया के हमलों से बचाने के लिए अमरीका ने अपने सहयोगी देशों को यह सुविधा मुहैया करायी थी।

अगले कुछ सालों में ही न्यूज़ीलैण्ड इस समझौते से पीछे हटा था। परमाणु अस्त्रों से मुक्त विश्व, इस भूमिका का स्वीकार करके न्यूज़ीलैंड की सरकार ने अमरीका के परमाणु अस्त्र या परमाणु वाहक विमान एवं युद्धपोतों की तैनाती करने से इन्कार किया था। लेकिन, ऑस्ट्रेलिया अमरीका के समझौते का हिस्सा बना था। लेकिन, इस वर्ष के शुरू में ऑस्ट्रेलिया की सरकार गठित करने वाले एंथनी अल्बानीज ने सुरक्षा के मोर्चे पर स्वतंत्र नीति अपनाई है।

अल्बानीज सरकार ने अमरीका से किए समझौते से बाहर होने की तैयारी जुटाना शुरू किया है। साथ ही ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा को चुनौती दे रहें चीन को लेकर नरम भूमिका अपनाई हैं। अल्बानीज सरकार ने ‘ट्रिटी ऑन दी प्रोहिबिशन ऑफ न्युक्लियर वेपन्स’ यानी परमाणु अप्रसार समझौता करने का निर्णय लिया गया हैं। ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने साल १९७० में ही संयुक्त राष्ट्रसंघ की ‘नॉन प्रोलिफरेशन ट्रिटी’ (एनपीटी) यानी परमाणु अप्रसार समझौते पर हस्ताक्षर किया है। लेकिन, यह समझौता परमाणु अस्त्र के इस्तेमाल पूरा रोक लगाने वाला ना होने का दावा किया जा रहा हैं।

ऐसी स्थिति में ऑस्ट्रेलिया ने संयुक्त राष्ट्र संघ की ‘ट्रिटी ऑन द प्रोहिबिशन ऑफ न्यूक्लियर वेपन्स’ समझौता करने की गतिविधियां शुरू की हैं। इस जगह से न्यूझीलैण्ड की तरह ऑस्ट्रेलिया भी परमाणु हथियारों का निर्माण एवं तैनाती नहीं कर सकेगा। ऑस्ट्रेलिया जल्द ही ऐसें समझौते पर हस्ताक्षर करेगी। लेकिन, अमरीका ने ऑस्ट्रेलिया के इस निर्णय पर नाराज़गी जतायी हैं। साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए तो यह देश अमरीका का सहयोग खो देगा, इसपर ऑस्ट्रेलिया के अमरिकी दूतावास ने ध्यान आकर्षित किया। अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए अमरीका का सहयोग आवश्यक है और इसी बीच ऑस्ट्रेलिया ने यह निर्णय करना खतरनाक साबित होगा। ऑस्ट्रेलिया अमरिकी न्यूक्लियर अम्ब्रेला यानी परमाणु सुरक्षा खो देगा, ऐसी चेतावनी भी अमरिकी दूतावास ने दी।

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