ईरान को परमाणु अस्त्रधारी होने से रोकने के लिए अमरीका शीघ्रता से इस्रायल को हथियारों से लैस करें – अमरीका के निवृत्त सेना अधिकारियों का आवाहन

वॉशिंग्टन – ईरान पहले कभी नहीं था उतना परमाणु बम बनाने के करीब पहुंचा हैं। इस वजह से खाड़ी में संकट बना है। ईरान को परमाणु अस्त्रधारी होने से रोकना है तो अमरीका शीघ्रता से इस्रायल को हथियारों की आपूर्ति करें। क्यों कि, अकेला इस्रायल ही ईरान को परमाणु बम बनाने से रोक सकता हैं’, ऐसा आवाहन अमरिकी सेना के निवृत्त अधिकारियों के गुट ने किया।

ईरान परमाणु बम बनाने के काफी करीब पहुंचा है। इसके लिए आवश्यक युरेनियम का संवर्धन और सेंट्रिफ्यूजेस का भंड़ारण ईरान ने किया है, ऐसी जानकारी अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने साझा की थी। साथ ही ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चिंता भी जताई थी। इस पृष्ठभूमि पर अमरीका के निवृत्त सेना अधिकारियों के ‘ज्युईश इन्स्टीट्यूट फॉर नैशनल सिक्योरिटी ऑफ अमरीका’ (जेआईएनएसए) नामक गुट ने अमरिकी कांग्रेस को पत्र लिखकर आवाहन किया है। इनमें जनरल और एडमिरल रहे ४४ अधिकारियों का समावेश हैं।

बायडेन प्रशासन ने इस्रायल के लिए आरक्षित रखा हथियारों का भंड़ार यूक्रेन के लिए रवाना करने की खबर कुछ हफ्ते पहले प्रसिद्ध हुई थी। बायडेन प्रशासन अभी भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम का मसला राजनीतिक बातचीत से खत्म करने पर कायम है। अमरिकी सुरक्षा के लिए अपना सर्वस्व निछावर करनेवाले सैन्य अधिकारी के तौर पर हम भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम का मसला राजनीतिक बातचीत से खत्म हो, यह इच्छा रखते हैं। लेकिन, ईरान के साथ इस तरह का समझौता करके इस मसले का हल निकल आने की संभावना फिलहाल नज़र नहीं आती, इसपर इन पूर्व सेना अधिकारियों ने ध्यान आकर्षित किया। ऐसी स्थिति में ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना हैं तो इस्रायल को हथियारों की आपूर्ति करने के अलावा अन्य विकल्प नहीं हैं, ऐसा ‘जेआईएनएसए’ के खत में कहा गया है।

इसके लिए निवृत्त सेना अधिकारियों ने यूक्रेन में शुरू युद्ध का भी दाखिला दिया। ‘एक साल से यूक्रेन में युद्ध शुरू हैं। यह युद्ध छिड़ने के बाद यूक्रेन को हथियारों से तैयार करना जारी हैं। इसे टालना हैं और खाड़ी के मित्रदेशों की सुरक्षा निर्धारित करनी हैं तो इस क्षेत्र में संघर्ष छिड़ने से पहले ही इस्रायल को हथियारों से लैस करना उचित होगा’, ऐसा सुझाव इन पूर्व सेना अधिकारियों ने इस खत से बायडेन प्रशासन के सामने रखा है। जिस तरह से हथियारों की आपूर्ति हो रही हैं, बिल्कुल उसी तरह से लेकिन, संघर्ष शुरू होने से पहले इस्रायल को हथियार प्रदान हो, ऐसा निवृत्त वाईस एडमिरल हर्मन शेलांस्की ने इस्रायली अखबार से बोलते हुए स्पष्ट किया।

अमरीका ने इस्रायल को ईंधन वाहक ‘केसी-४६ पेगासस’ टैंकर विमान, ‘मैकडॉनल डग्लस १फ-१५ इगल’, ‘लॉकहिड मार्टीन’ का ‘एफ-३५ लाईटनिंग टू’ लड़ाकू विमान प्रदान करने होंगे। इसके साथ ही सटिक हमला करने की क्षमता के मिसाइलें भी अमरीका इस्रायल को प्रदान करें, ऐसी सुचि इस खत में दर्ज़ है। परमाणु बम धारी ईरान से हमारे देश की और हितसंबंधों की सुरक्षा को खतरा हैं, यह अमरिकी सैन्य अधिकारियों को ज्ञात हैं। ईरान के इस परमाणु खतरे को रोकने की एवं इसपर जवाब देने की क्षमता इस्रायल रखता हैं। इसी वजह से ‘जेआईएनएसए’ ने यह खत अमरिकी कांग्रेस के सामने रखा हैं। इस वजह से कांग्रेस के डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन जाग उठेंगे और इस्रायल को हथियारों से लैस करने का निर्णय करेंगे’, ऐसी उम्मीद ‘जेआईएनएसए’ के अध्यक्ष और पूर्व सेना अधिकारी मिशेल मैकोवस्की ने व्यक्त की।

इसी बीच परमाणु ऊर्जा आयोग की चेतावनी के बाद भी बायडेन प्रशासन ईरान के साथ बातचीत करके परमाणु समझौते के माध्यम से यह विवाद खत्म करने पर कायम हैं। लेकिन, अमरीका के सेना अधिकारी इसके विरोध में होने की बात इस खत से स्पष्ट हो रही है।

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