ताइवान पर चीन का हमला होने को लेकर अमरीका ने जताई चार संभावना

वॉशिंग्टन/बीजिंग – चीन ने पिछले कुछ महीनों से ताइवान की खाड़ी में भड़काउ और अस्थिरता फैलान वाली सैन्य गतिविधियां शुरू की हैं। यह ताइवान पर कब्ज़ा पाने के लिए चीन की जारी कोशिशों का हिस्सा बनता है। ताइवान की हवाई-समुद्री घेराबंदी करना, सीमित या आक्रामक सैन्य गतिविधियां होना, हवाई हमले या ताइवान में सेना उतारकर युद्ध घोषित करने जैसी चार में से एक संभावना अपनाकर चीन ताइवान पर कब्ज़ा कर सकता है, ऐसी चेतावनी अमरीका के रक्षा विभाग ने दी है।

चीन का ताइवान पर हमला होने की संभावन बढ़ रही है। अगले कुछ सालों में ही चीन ताइवान पर हमला करेगा, यह चीन के ५६.७ प्रतिशत और जापान के ४४.५ प्रतिशत जनता का विचार है। जापान के अभ्यासगुट और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी संगठन ने किए सर्वे से यह जानकारी सामने आयी है। अमरिकी जनप्रतिनिधि सदन की सभापति नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद यह संभावना बढ़ी, ऐसा चीन का कहना है।

लेकिन, ताइवान पर हमला करने के लिए चीन वजह ढ़ुंढ़ रहा हैं, यह आरोप अमरीका लगा रही हैं। चीन पर अपनी पकड़ मज़बूत करने के लिए राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ताइवान के वियलन की प्रक्रिया तेज़ी से करेंगे, ऐसा अमरिकी विश्लेषकों ने पहले कहा था। लेकिन, पेंटॅगॉन ने तैयार किए ‘चायना मिलिटरी पॉवर रिपोर्ट-सीएमपीआर’ नामक सालाना रपट में यह दावा किया गया है कि, चीन २०४९ तक ताइवान पर कब्ज़ा कर सकता है। इसके लिए चीन विभिन्न विकल्प इस्तेमाल कर सकता है, ऐसा पेंटॅगॉन ने कहा हैं।

इसी बीच, ताइवान को हथियार प्रदान करने के लिए अमरीका १० अरब डॉलर्स की सहायता करेगी, यह दावा अमरीका की शीर्ष वृत्तसंस्था ने किया। चीन के साथ बढ़ रहे तनाव की पृष्ठभूमि पर ताइवान को हथियारों से लैस करने के लिए बायडेन प्रशासन अहमियत दे रहा हैं। साथ ही ताइवान की खाड़ी के करीब अमरीका ने अपने युद्धपोत और विध्वंसकों की गश्त बढ़ाने की खबरें भी प्राप्त हो रही हैं। अमरिकी नौसेना की यह गश्त भड़काउ होने का आरोप चीन ने लगाया था।

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