अमरीका की जैविक सैन्य गतिविधियां अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा – रशिया के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी का इशारा

मास्को – ‘अमरीका की जैविक सैन्य गतिविधियां बढ़ी हैं। अमरीका इस मोर्चे पर अपना सामर्थ्य बढ़ाने का एवं पूरे विश्व में विस्तार करने की कोशिश कर रही है। जैविक अनुसंधान को लेकर अमरीका की यह सैन्य गतिविधियां अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बनती जा रही हैं’, ऐसी चेतावनी रशिया के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने दी। साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय अमरीका के यह अनुसंधान गहराई से परखना शुरू करे, यह मांग रशिया ने की।

रशिया की सीमा के करीब यूक्रेन में अमरीका ने जैविक लैब स्थापित किए थे। वहां पर जैविक हथियारों के निर्माण का अनुसंधान हो रहा था, यह आरोप रशिया ने लगाया। यूक्रेन युद्ध के लिए रशिया की आलोचना कर रहा अंतरराष्ट्रीय समुदाय यूक्रेन के इन जैविक लैब्स के मुद्दे पर अमरीका को ज़िम्मेदार करार दे, यह मांग रशिया ने की थी। अंतरराष्ट्रीय संगठन की स्वीकृति प्राप्त ना होने वाले लैब्स‍ सीमा के करीब स्थापित करके अमरीका ने रशिया की सुरक्षा को चुनौती दी है, ऐसा आरोप रशियन सेना अधिकारी ने लगाया था।

इसके बाद अमरिकी सीनेट में पेंटॅगॉन के अधिकारी की तहकीकात हुई थी। इस दौरान यूक्रेन में जैविक अनुसंधान लैब्स होने की कबूली पेंटॅगॉन के अधिकारी ने दी थी। इसी बीच, पूरे विश्व में मौजूद अमरिकी लैब्स‍ के जैविक अनुसंधान का इस्तेमाल दोनों क्षेत्रों में होने की कबूली भी अमरिकी ‘नैशनल बायोडिफेन्स स्ट्रैटेजी’ की रपट में दी गई थी। अक्तुबर में जारी की गई इस रपट का दाखिला देकर रशिया ने अमरीका की जैविक गतिविधियां खतरनाक होने की चेतावनी दी।

विश्व के विभिन्न हिस्सों में पेंटॅगॉन ने शुरू की हुई जैविक गतिविधियां अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए खतरा साबित हो सकती है, ऐसी चेतावनी रशिया के ‘न्युक्लियर, बायोलॉजिकल ऐण्ड केमिकल डिफेन्स ट्रूप्स’ के प्रमुख लेफ्टनंट जनरल इगोर ने दी। जैव प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल गलत कारणों के लिए नहीं होगा, इसका ध्यान रखा जाएगा, ऐसा पेंटॅगॉन ने कहा है। फिर भी रशिया को अमरीका के इरादों पर संदेह है, ऐसा बयान लेफ्टनंट जनरल किरिलोव ने किया। साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय पूरे विश्व में स्थित अमरीका की सभी ऐसी लैब्स की जांच करे, यह मांग किरिलोव ने की।

इसी बीच, अक्तुबर में ही रशिया ने अमरीका की इन लैब्स‍ की जांच करने की मांग संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद से की थी। लेकिन, अमरीका, ब्रिटेन और फ्रान्स ने नकाराधिकार का इस्तेमाल करके रशिया की यह मांग ठुकराई थी। अब दिसंबर के पहले हफ्ते में जिनेवा में ‘बायोलॉजिकल वेपन्स कन्वेन्शन’ का आयोजन होगा। इस बैठक में भी रशिया यकीनन अमरीका की इन जैविक लैब्स‍ का मुद्दा उठाएगी।

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