अमरीका का रशिया विरोधी विधेयक अफ्रीकी महाद्वीप के लिए नुकसानदेह – दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्राध्यक्ष की चेतावनी

वॉशिंग्टन – ‘अफ्रीकी देशों ने किससे सहयोग करना है, यह किसी और को बताने की ज़रूरत नहीं है। अफ्रीकी देश रशिया से संबंध तोड़ दें इसके लिए दबाव बनाकर संबंधित देशों पर जुर्माना लगाने की भूमिका अमरीका ना अपनाए। इस तरह की नीति अफ्रीकी महाद्वीप के विकास के लिए नुकसानदेह होगी’, इन स्पष्ट शब्दों में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्राध्यक्ष सिरिल रामाफोसा ने चेतावनी दी। रामाफोसा अमरीका के दौरे पर हैं और अमरिकी सांसदों से मुलाकात के बाद आयोजित वार्तापरिषद में उन्होंने अपनी भूमिका स्पष्ट की।

रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमरीका और यूरोपिय देशों ने रशिया के खिलाफ मोर्चा बनाना शुरू किया था। यूक्रेन की सहायता के लिए पूरे विश्व के देश रशिया विरोधी भूमिका अपनाएँ और रशिया के साथ अपना सहयोग कम करें, ऐसी माँग बड़े आग्रह से अमरीका और मित्रदेशों ने की थी। लेकिन, एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमरीका के देशों ने पश्चिमी देशों की इस माँग को ठुकराकर रशिया विरोधी भूमिका अपनाने से इन्कार किया था। ऐसे देशों के खिलाफ कार्रवाई करने के संकेत अमरीका और कुछ यूरोपिय देशों ने दिए हैं। अमरीका में इस मुद्दे को लेकर एक विधेयक भी पेश हुआ है।

‘रशिया मैलिशियस ऐक्टस्‌‍ बिल’ नामक इस विधेयक में रशिया का सहयोग कम करने से इन्कार कर रहे देशों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रावधान है। इस विधेयक का अफ्रीकी महाद्वीप में तीव्र विरोध हुआ है। यह विधेयक अफ्रीकी देशों के लिए नुकसानदेह होने की आलोचना भी हो रही है। अफ्रीकी महाद्वीप के प्रमुख देश दक्षिण अफ्रीका के नेतृत्व ने सीधे अमरीका में इसी भूमिका को दोहराकर संभावित परिणामों का अहसास कराया। यह कानून पारित हुआ तो इसका अफ्रीका के विकास और प्रगति पर अनपेक्षित असर पड़ सकता है, ऐसी गंभीर चेतावनी दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्राध्यक्ष ने दी।

इसी बीच अमरीका अन्य देशों पर रशिया के साथ संबंध तोड़ने के लिए दबाव बना रही है और तभी रशिया ने विश्व के अविकसित देशों के सामने सहयोग का हाथ बढ़ाया है। विश्व के अविकसित देशों को तीन लाख टन से अधिक रासायनिक खाद की मुफ्त आपूर्ति करने के लिए तैयार होने का ऐलान रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने किया है। इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र संगठन के महासचिव एंटोनिओ गुतेरस को सूचित किया है, यह भी पुतिन ने स्पष्ट किया। यूक्रेन से निर्यात हो रहे अनाज के मुद्दे पर भी पुतिन ने पहले आलोचना की थी। यह अनाज अविकसित देशों के बजाय विकसित और प्रगत देशों को भेजा जा रहा है, यह आरोप पुतिन ने लगाया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.