अमरीका, दक्षिण कोरिया और जापान बढ़ाएँगे उत्तर कोरिया विरोधी सहयोग

पर्ल हार्बर – उत्तर कोरिया के परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रम से इस क्षेत्र को गंभीर खतरा होने की बात अमरीका, दक्षिण कोरिया और जापान ने रेखांकित की है। इस खतरे का सामना करने के लिए तीनों देशों के बीच लष्करी सहयोग बढ़ाने का ऐलान किया गया है। अमरीका, दक्षिण कोरिया और जापान के रक्षाबलप्रमुखों की हुई भेंट के बाद यह ऐलान किया गया।

राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने बीते हफ्ते इस क्षेत्र की सुरक्षा विषयक गतिविधियों को अहमियत देने का ऐलान किया। इस पृष्ठभूमि पर पैसिफिक महासागर के हवाई द्विपों पर अमरीका, जापान, दक्षिण कोरिया के रक्षाबलप्रमुखों की बैठक हुई। इस दौरान अमरिकी रक्षाबलप्रमुख जनरल मार्क मिले, दक्षिण कोरिया के जनरल वोन ईन-चूल और जापान के जनरल कोजी यामाज़ाकी उपस्थित थे। इन तीनों रक्षाबलप्रमुखों ने उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम के मुद्दे पर बातचीत की।

कोरियन क्षेत्र की शांति और सुरक्षा के लिए इन तीनों देशों का लष्करी सहयोग अहम होने का बयान दक्षिण कोरियन रक्षाबलप्रमुख ने किया है। इसी बीच दक्षिण कोरिया और जापान जैसे अपने सहयोगी देशों की सुरक्षा के लिए अमरीका वचनबद्ध होने का बयान जनरल मिले ने किया। इसके लिए अमरीका अपने सहयोगी देशों को विस्तारित सहयोग प्रदान करने के लिए तैयार होने का ऐलान अमरिकी रक्षाबलप्रमुख ने किया।

इस दौरान तीनों देशों के लष्करी अफसरों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा के मुद्दे पर भी बातचीत की। अमरीका की इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख रहे एडमिरल फिल डेविडसन एवं नए नियुक्त प्रमुख एडमिरल जॉन ऐक्विनो भी इस दौरान मौजूद थे।

इसी बीच चीन की बढ़ती लष्करी गतिविधियों की वजह से अगले दिनों में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा को बड़ा खतरा होने का इशारा एडमिरल डेविडसन ने कुछ दिन पहले ही दिया था। चीन के इस खतरे का सामना करने के लिए अमरीका को अपना सामर्थ्य बढ़ाने की आवश्‍यकता होने का निवेदन भी एडमिरिल डेविडसन ने किया था।

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