तालिबान के खिलाफ खडे नॉर्दन अलायन्स को अमरीका मान्यता प्रदान करें – अमरीका के सिनेटर्स का आवाहन

वॉशिंग्टन – तालिबान के अवैध हुकूमत के खिलाफ लड़नेवाले नॉर्दन अलायन्स को बायडेन प्रशासन द्वारा अधिकृत मान्यता दी जानी चाहिए, ऐसा आवाहन अमरीका के वरिष्ठ सिनेटर्स लिंड़से ग्रैहम एवं माईक वॉल्ट्ज़ ने किया है। अब तक बायडेन प्रशासन ने नॉर्दन अलायन्स के प्रति अपनी भूमिका स्पष्ट नहीं की है, मगर अफगानिस्तान के पंजशीर घाटी में नॉर्दन अलायन्स का साथ दिया है। ऐसी स्थिति में ग्रैहम और वॉल्ट्ज़ की मांग ध्यान आकर्षित करती है।

तालिबान के कट्टर विरोधक अहमद शहा मसूद के बेटे अहमद मसूद एवं अफगानिस्तान के भूतपूर्व उपराष्ट्रपति अमरूल्लाह सालेह तालिबान विरोधी नेतृत्व कर रहे हैं। रशीद खान दोस्तम यह तालिबानविरोधी नेता भी उनसे मिला हुआ है। इसी तरह अफगानी सेना में तालिबान विरोधी गुट शस्त्रास्त्रों समेत नॉर्दन अलायन्स में शामिल हो रहे हैं। पंजशीर घाटी में इन सबकी एकजुट तालिबान के लिए मौत का बिगुल साबित हो सकती है। इसका अहसास हुए तालिबान ने मसूद एवं सालेह को चर्चा का प्रस्ताव भेजा।

तालिबान द्वारा समझौते के जरिए मतभेद मिटाने के दावे किए जाते समय, हजारों आतंकावादियों को तालिबान ने पंजशीर घाटी की तरफ भेजा। तालिबान और नॉर्दन अलायन्स में संघर्ष शुरु होने के दावे किए जा रहे हैं। इसमें सैंकडों तालिबानी मारे जाने की जानकारी नॉर्दन अलायन्स के नेताओं ने दी थी। इसके कुछ विडियो़ज़ भी जारी किए गए थे। वहीं, तालिबान ने पंजशीर घाटी को तीन तरफ से घेरने की खबरें मिल रही हैं। मगर ताजिकिस्तान ने नॉर्दन अलायन्स का साथ देने की दृढ़ भूमिका स्वीकारने की वजह से नॉर्दन अलायन्स का सामना करना आसान नहीं रहा, इसका अहसास तालिबान को हो चुका है।

इसलिए तालिबान से अधिक, तालिबान का साथ देनेवाला पाकिस्तान बेचैन हुआ है। ताजिकिस्तान ने नॉर्दन अलायन्स को हथियार दिए जाने की बात खुलने के बाद पाकिस्तान ने ऐसा न करने की सूचना ताजिकिस्तान को दी थी। इसके लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरेशी ताजिकिस्तान गए थे। मगर ताजिकिस्तान ने उनकी यह माँग ठुकराई। इसके बाद, ताजिकिस्तान का उपयोग करके भारत ही नॉर्दन अलायन्स को तालिबान के खिलाफ हथियारों की आपूर्ति कर रहा है, ऐसे आरोप पाकिस्तान लगाने लगा था।

अगर तालिबान और नॉर्दन अलायन्स का घनघोर संघर्ष हुआ, तो अफगानिस्तान में अराजकता फैलेगी और इसके परिणाम पाकिस्तान को सहने पड़ेंगे ऐसी चिंता पाकिस्तान के कट्टरपंथी व्यक्त कर रहे हैं। भारत और अमरीका इसी साज़िश में लगे होने की टिप्पणी पाकिस्तान के विश्लेषकों द्वारा की जा रही है। लेकिन तालिबान जैसे आतंकी संगठन के हाथों में अफगानिस्तान को सौंपने से तो, नॉर्दन अलायन्स पर विश्वास करना अधिक कारगर साबित होगा, ऐसा अमरिकी लोकप्रतिनिधियों को लग रहा है।

अमेरिका के वरिष्ठ सिनेटर लिंडसे गैहम एवं माईक वॉल्ट्ज़ ने बायडेन प्रशासन को किया हुआ आवाहन यही दर्शाता है। तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्ज़ा अनधिकृत है। ऐसी स्थिति में अमरूल्लाह सालेह एवं अहमद मसूद का साथ देकर अमरीका ने तालिबान को मात देनी चाहिए, ऐसी सलाह सिनेटर लिंडसे गैहम और सिनेटर माईक वॉल्ट्ज़ ने दी है।

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