चीन में उइगरवंशियों के लिए बने शिविरों की तरह पाकिस्तान में बलोच नागरिकों के लिए बनाए शिविर मौजूद

मुज़फ्फ़राबाद – चीन ने झिनिजियांग प्रांत में उइगरवंशियों को कैद करने के लिए स्थापित किए शिविरों की तरह ही पाकिस्तान ने बलोचिस्तान में शिविर बनाए होने की जानकारी सामने आ रही है। बलोचिस्तान की आज़ादी की माँग तीव्र हुई है और बलोच बागी संगठनों ने इस प्रांत में हमले बढ़ाए हैं। यहां की स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए और बलोचि संस्कृति मिटाने के लिए पाकिस्तान ने अपने मित्रदेश चीन से प्रेरणा लेकर ‘डिटेन्शन कैम्प’ शुरू किए हैं। पाकिस्तान की सेना ने खुफिया तरीके से यह शिविर शुरू किए हैं और वहां पर बलोच बागियों का ‘ब्रेन वॉश’ करने का काम होने के समाचार प्राप्त हो रहे हैं।

pakistan-balochचीन की सरकार झिंजियांग प्रांत में उइगरवंशियों के लिए री-एज्युकेशन कैम्प चला रही है। इन शिविरों में चीन की सेना उइगरवंशियों पर अत्याचार कर रही है। उइगरवंशियों के इन शिविरों में ब्रेन वॉश होता है और उन्हें अपनी संस्कृति छोड़कर गुलाम होने के लिए मज़बूर किया जा रहा है। उइगरवंशियों पर हो रहे इन अत्याचारों के विरोध में पूरे विश्‍व से चीन पर लगातार आलोचना हो रही है।

अब पाकिस्तान ने भी चीन की तरह ही बलोच नागरिकों के लिए ऐसे शिविर शुरू किए हैं। चीन ने उइगरवंशियों के लिए बनाए शिविरों की तरह ही पाकिस्तानी सेना इन शिविरों में काम कर रही है। साथ ही इन शिविरों में ब्रेन वॉश करने के लिए आतंकियों की सहायता प्राप्त की जा रही है, ऐसा समाचार है। पाकिस्तान की सेना ने अब तक ऐसे दो शिविर शुरू किए हैं और पाकिस्तानी सेना के पूर्व प्रवक्ता जनरल असीम बाजवा ने बलोची बागियों के लिए ऐसे शिविर शुरू करने की योजना बनाई थी, यह दावा भी किया जा रहा है।

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