केन्द्रीय मंत्रिमंडल की ‘पीएसयू’ बैंकों के विलिनीकरण को तत्वत: मंजूरी

 नई दिल्ली: ‘स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया’(एसबीआय) में ६ सार्वजनिक बैंकों के विलीनीकरण करने के बाद केंद्र सरकारने अन्य सार्वजनिक बैंकों के विलीनीकरण के लिए नये कदम उठाए हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक बैंकों के (पीएसयू) इस विलीनीकरण को तत्वत: मंजूरी दी है। इस विलीनीकरण की प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक समिति गठित होगी। इस समिति में मंत्रीगण सदस्य रहेंगे। इस समिति द्वारा विलीनीकरण का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।

पीएसयू बैंक की संख्या कम करके ७ से ८ तक नीचे लाने के योजना कुछ वर्षों पहले बनाई गई थी। उसके अनुसार ४ महीनों पहले ‘स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया’ में छ बैंकों का विलीनीकरण किया गया। सन २००८ से २०१० तक एसबीआय में दो बैंकों का विलीनीकरण हुआ है। इस विलीनीकरण के बाद एसबीआय दुनिया की सबसे बड़े ५० बैंकों में शामिल हुई है। इसके बाद, अब अन्य पीएसयू बैंकों में भी विलीनीकरण की प्रकिया जारी की जाएगी। जिसके वजह से दुनियाभर का सर्वाधिक मूलधन होने वाली बैंकों की सूची में भारत के अन्य कुछ बैंकों का समावेश हो जाएगा।

बुधवार के दिन, केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस दृष्टि से पहला कदम उठाया गया। मंत्रिमंडल की बैठक में बैंकों के विलीनीकरण को तत्वत: मंजूरी दी गई। इसके लिए विकल्प की यंत्रणा विकसित करने का निर्णय लिया गया है। मंत्रिमंडल समिति स्थापित करके यह समिति इस संदर्भ में प्रस्ताव तैयार करेंगी। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंत्रिमंडल की बैठक में के बाद इस संदर्भ में घोषणा की। साथ ही रिजर्व बैंक से चर्चा करके विलीनीकरण की अंतिम योजना घोषित की जाएगी, यह जानकारी वित्त मंत्री जेटली ने दी है।

दौरान पीयूसी बैंक के विलीनीकरण करते समय ४ मानदंडों का विचार किया गया हैं। बैंक का मूलधन एवं फायदे का प्रमाण इनका अधिक विचार किया जाएगा। एसबीआय तथा आईडीबीआई को छोड़कर अन्य बैंकों के मर्जर बैंकिंग कंपनी एक्ट अंतर्गत विलीनीकरण होगा यह जानकारी सूत्रोंने दी है।

देश के पीएसयू बैंकों की संख्या कम करके बड़े जागतिक स्तर की बैंक बनाने की नीति के अंतर्गत बैंक के विलीनीकरण का काम बहुत वर्षों से प्रलंबित था। पर इस साल एसबीआय में छ बैंकों का विलीनीकरण की प्रक्रिया जारी करके, इस कार्य को अधिक विलंब नहीं किया जाएगा, यह स्पष्ट संकेत केंद्र सरकार ने दिए है। सरकार ने पहले चरण में पीयूसी बैंक की संख्या कम करके १२ से १३ तक लाने का विचार कर रही है। अगले चरण पर यह संख्या ७ तक नीचे लाने का सरकार का विचार है यह बताया जा रहा है।

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