संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद जल्द ही तालिबान के खिलाफ बड़ा निर्णय करेगी

वॉशिंग्टन – तालिबान ने पिछले महीने से अफ़गान महिलाओं के लिए बुरके की सक्ति करके लड़कीयों की शिक्षा पर रोक लगायी है। यह मामला संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में पहुँचा। तालिबान की नीति अफ़गान लड़कियाँ और महिलाओं का दमन कर रही है, ऐसी आलोचना सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने की। साथ ही तालिबान के खिलाफ जल्द ही बड़ा निर्णय करने के संकेत भी सुरक्षा परिषद ने दिए हैं।

तालिबान ने अफ़गानिस्तान की महिलाओं के लिए पिछले हफ्ते नए नियमों का ऐलान किया। इसके आगे अफ़गान महिलाओं को सिर के बालों से पैरों के नाखून तक के शरीर को ढ़कनेवाले कपड़े पहनने होंगे। साथ ही आवश्यकता के बिना अफ़गान महिला घर से बाहर ना निकले, ऐसी सूचना तालिबान ने की। इस वजह से तालिबान २० साल पहले की तरह अपनी हुकूमत स्थापित करने की कोशिश कर रही है, ऐसी चिंता जतायी जा रही है।

तालिबान ने ऐसी सूचना करने के बावजूद अफ़गान महिलाओं ने इसे अहमियत ना देने की बात देखी गयी है। राजधानी काबुल में अफ़गान महिलाओं ने आम कपड़ों में तालिबान के इस निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन किए। अफ़गान राष्ट्राध्यक्ष के निवास स्थान के सामने भी इन महिलाओं ने प्रदर्शन किए। इसके बाद तालिबान ने इन प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की।

तालिबान के नए नियम एवं अफ़गान महिलाओं पर की गई कार्रवाई के खिलाफ संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद की बैठक का शीघ्रता से आयोजन किया गया। इस बैठक में सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने तालिबानी हुकूमत ने महिलाओं पर गई लगायी रोक की आलोचना की। अफ़गानिस्तान में उभरी भीषण आर्थिक और मानवीय स्थिति पर ध्यान देने के बजाय तालिबान महिला-बच्चियों के अधिकार छीन रही है, ऐसी फटकार नॉर्वे के उप-राजदूत ने लगायी। आयर्लैण्ड, मेक्सिको के राजदूतों ने भी तालिबान की हुकूमत में महिलाओं पर फिर से अत्याचार शुरू होने का आरोप लगाया।

इसी दौरान, ब्रिटेन की राजदूत बार्बरा वुडवर्ड ने आरोप लगाया कि, तालिबान ने सत्ता हासिल करने के साथ ही अफ़गान महिलाओं और बेटीयों के अधिकार पैरों तले रौंदा जा रहे है। तालिबान की हुकूमत स्थापित होने से पहले के २० सालों में अफ़गानिस्तान में ३६ लाख लड़कियाँ स्कूली शिक्षा प्राप्त कर रही थीं। अफ़गान संसद में एक तिहायी महिला जनप्रतिनिधि थीं। अफ़गानिस्तान के कामगार वर्ग में भी महिलाओं की मात्रा २० प्रतिशत थी, इस ओर वुडवर्ड ने ध्यान आकर्षित किया।

संयुक्त राष्ट्रसघ की सुरक्षा परिषद तालिबान की हुकूमत पर सिर्फ आलोचना करकेनहीं रुकेगी, यह भी वुडवर्ड ने स्पष्ट किया। अगले कुछ ही घंटों में सुरक्षा परिषद की बैठक में अफ़गानिस्तान की स्थिति और महिलाओं एवं लडकियों के अधिकार को लेकर बड़ा निर्णय हो सकता है, यह जानकारी ब्रिटेन के राजदूत ने प्रदान की।

इसी बीच, अफ़गान लड़कियों की शिक्षा पर रोक लगानेवाले तालिबानी नेताओं की बेटिया अभी भी शिक्षा ले रही हैं, यह स्पष्ट हुआ है। तालिबान के प्रवक्ता सुहेल शाहिन ने एक वृत्तसंस्था को दिए साक्षात्कार में यह बात मानी थी कि, अनकी दोनों बेटियाँ स्कूली शिक्षा ले रही हैं। सुहेल शाहिन की तरह तालिबान के अन्य नेताओं की बेटियाँ भी शिक्षा ले रही हैं, यह दावा किया जा रहा है। इस वजह से तालिबान का दोगला रवैया बड़ी तीव्रता से सामने आया है और इस पर जोरदार आलोचना भी हो रही है।

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