चीन से अमरीका के अस्तित्व को खतरा है – अमरिकी जनप्रतिनि सदन में दी गई चेतावनी

वॉशिंग्टन – ‘अमरीका के अस्तित्व को चीन से खतरा है और यह खतरा बढ़ रहा है। चीन के इस खतरे को सफलता के साथ परास्त करना हो तो अमरीका को सहयोगी देशों की सहायता लेनी पडेगी’, ऐसी चेतावनी अमरिकी जनप्रतिनिधि सदन में दी गई। साथ ही पिछले तीन दशकों में अमरीका के डेमोक्रैटस्‌‍ और रिपब्लिकन दलों ने चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के खतरे को नजरअंदाज किया, ऐसी आलोचना सदन में हुई।

पिछले साल अमरीका में हुए चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी को भारी समर्थन प्राप्त हुआ। इसके असर के तौर पर अमरिकी प्रतिनिधि सदन पर रिपल्बिकन पार्टी का वर्चस्व है। इस सदन पर कब्ज़ा करने के साथ ही रिपब्लिकन पार्टी ने चीन विरोधी विशेष समिती गठित की है। मंगलवार को ‘हाऊस सिलेक्ट कमिटी ऑन द चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी’ नामक समिती के अध्यक्ष माईक गैलाघर ने चीन से अमरीका के अस्तित्व का खतरा रेखांकित किया।

‘यह टेनिस का खेल नहीं है बल्कि, अमरीका के अस्तित्व का मामला है और 21 वीं सदि में अपना जीवन कैसे रहेगा, इसके लिए संघर्ष जारी है। इस संघर्ष में अपनी आज़ादी दांव पर लगी हुई है’, ऐसा गैलाघर ने कहा। अपनी अगले दस वर्षों की नीति अगले सौ सालों के लिए अहम साबित होगी, यह भी गैलाघर ने कहा। पिछले तीन दशकों में डेमोक्रैटस्‌‍ या रिपब्लिकन पार्टी ने चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत से निर्माण हुए खतरे को नजरअंदाज करने की आलोचना गैलाघर के सहयोगी राजा कृष्णमूर्ति ने की।

‘अमरीका और वैश्विक बाज़ार में प्रवेश करते ही चीन की अर्थव्यवस्था दस गुना बढ़ी है। इसका लाभ उठाकर कम्युनिस्ट पार्टी ने देश में एकाधिकार लागू किया, उइगरवंशियों की हत्याएं कीं और आज यही कम्युनिस्ट हुकूमत ताइवान के साथ अपने पड़ोसी देशों की सुरक्षा के लिए खतरा बनी हुई है’, इस पर राजा कृष्णमूर्ति ने ध्यान आकर्षित किया। साथ ही चीन ने अमरिकी नजरअंदाज की चोरी करने का आरोप भी कृष्णमूर्ती ने लगाया।

इसी बीच अमरीका के प्रतिनिधि सदन में चीन संबंधी समिती का गठन बायडेन प्रशासन की चीन समर्थक नीति को चुनौती देनेवाला साबित हो सकता है, ऐसा दावा अमरिकी विश्लेषक कर रहे हैं। इसी समिती ने वुहान लैब लीक एवं अमरीका में स्थित सीक्रेट चाइनिज पुलिस थाने का मुद्दा फिर से उठाया है।

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