परमाणु समझौते में लौटने का अवसर ईरान के हाथों से फिसल रहा है – अमरीका और फ्रान्स का इशारा

पैरिस – ’जल्द ही ऐसा अवसर बनेगा, जहां से परमाणु समझौते में लौटना कठिन होगा। अब तक ऐसा अवसर बना नहीं हैं, लेकिन किस दिन यह अवसर बनेगा, यह हम कह नहीं सकते। लेकिन, ईरान के लिए परमाणु समझौते में लौटने का अवसर फिसल रहा है’, ऐसा इशारा अमरीका और फ्रान्स ने दिया है। साथ ही परमाणु समझौते के मुद्दे पर अमरीका और ईरान के बीच गंभीर मतभेद की बात अमरीका के विदेशमंत्री ब्लिंकन ने स्पष्ट की। ईरान के घोषित राष्ट्राध्यक्ष इब्रहिम राईसी ने परमाणु समझौते को लेकर किए ऐलान के बाद अमरीका और फ्रान्स ने यह इशारा दिया है। 

अमरीका ने ईरान पर लगाए प्रतिबंध हटाने की तैयारी रखी होने का ऐलान ईरान के मौजूदा राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने किया था। लेकिन, ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्ला खामेनी की मर्जी के राईसी ने सत्ता मिलते ही अमरीका और पश्‍चिमी देशों को इशारा दिया। ईरान का हित होता है तो ही परमाणु समझौते पर बातचीत करेंगे, ऐसा कहकर परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेंगे, यह इशारा राईसी ने दिया था। इसी के साथ मिसाईल निर्माण और खाड़ी क्षेत्र के ईरान समर्थक शियापंथी गुटों को जारी समर्थन आगे भी बरकरार रहेगा, यह बात राईसी ने ड़टकर कही थी। जहाल विचारधारा की नीति के लिए पहचाने जानेवाले ईरान के भावी राष्ट्राध्यक्ष राईसी ने इस ऐलान के ज़रिये अमरीका और यूरोपिय देशों को धमकाया है, ऐसे दावे पश्‍चिमी माध्यमों ने किए थे।

शुक्रवार के दिन अमरीका के विदेशमंत्री ब्लिंकन और फ्रान्स के विदेशमंत्री जीन-येस ले द्रियान की बैठक में ईरान के मुद्दे पर बातचीत हुई। इस बातचीत के बाद अमरिकी विदेशमंत्री ने ईरान को सख्त शब्दों में चेतावनी दी। ईरान के लिए परमाणु समझौते में लौटने का अवसर फिसलता जा रहा है, यह बयान विदेशमंत्री ब्लिंकन ने किया। इसी के साथ ईरान के सेंट्रिफ्यूजेस की बढ़ती संख्या पर भी अमरिकी विदेशमंत्री ने चिंता जताई। ईरान इसी तरह से सेंट्रिफ्यूजेस पर काम करता रहता है, यूरेनियम का संवर्धन बढ़ाता है तो ईरान ‘ब्रेकआउट टाईम’ के करीब पहुँचेगा। ऐसा हुआ तो ईरान परमाणु बम बनाने की क्षमता प्राप्त करने का खतरा बढ़ेगा, ऐसा इशारा ब्लिंकन ने दिया। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ईरान के साथ परमाणु समझौता करने के लिए अभी भी अनुकूल हैं और इसके लिए ईरान को परमाणु समझौते के नियमों का पालन करना होगा, यह बात ब्लिंकन ने स्पष्ट की।

ईरान ने युरेनियम का संवर्धन और सेंट्रिफ्यूजेस का निर्माण परमाणु समझौते की मर्यादा में ही रखना होगा। साथ ही अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के निरीक्षकों को अपने परमाणु प्रकल्पों का सर्वेक्षण करने की अनुमति प्रदान करे, यह माँग आयोग द्वारा रखी जा रही है। लेकिन, परमाणु ऊर्जा आयोग, अमरीका एवं पश्‍चिमी देशों की माँगों के अनुसार ईरान अपने परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रम में बदलाव नहीं करेगा, यह बात ईरान के नए नेता ने स्पष्ट की। तो, ईरान के साथ परमाणु समझौता करना खतरनाक होगा, ऐसा इशारा इस्रायल लगातार अमरीका को दे रहा है।

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