स्विस बैंक के खातों में पैसे रखनेवालों की जानकारी मिलेगी

बर्न / नई दिल्ली: भारतीयों द्वारा स्विस बैंक खातों में जमा होने वाले पैसों की जानकारी भारत सरकार को मिलने का मार्ग खुला है। स्वित्झरलॅंड के संसदीय समितिने स्विस बैंक के खातों के अंतर्गत होने वाले व्यवहारों को तत्काल स्वयं चलित पद्धति से आदान-प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। उसके बाद यह प्रस्ताव उसी महीने में संसद के वरिष्ठ सभागृह में मंजूरी के लिए भेजा जाने का वृत्त है।

स्विस बैंक

पिछले ३ वर्षों से भारत सरकार स्विस खातों में भारतीयों से जमा होने वाले पैसों के बारे में तत्काल जानकारी मिले इसपर चर्चा कर रहे हैं। पिछले वर्ष इस संदर्भ में भारत और स्वित्झरलॅंड में एक करार भी संपन्न हुआ था। भारत के साथ अन्य सदस्य देश स्वित्झरलॅंड से इसी प्रकार की जानकारी मिली ऐसी मांग कर रहे हैं। इस संदर्भ में स्वित्झरलॅंड की ‘इकोनॉमिक अफेयर्स एंड टैक्स काउंसिल’ने प्रस्ताव तैयार किया है और इसे ‘ऑटोमेटिक इंफॉर्मेशन एक्सचेंज पैक्ट’ ऐसा नाम दिया गया है। स्वित्झरलॅंड के आर्थिक व्यवहार एवं कर विषयक संसदीय समिति ने इस करार को मंजूरी दी है। इसके अनुसार ४० देशों के साथ स्विस बैंक खातों में जानकारी के आदान-प्रदान करने का प्रस्ताव है, इस में भारत का भी समावेश है।

पर इसके लिए स्वित्झरलॅंड के संसद के सर्वोच्च सभागृह में मंजूरी आवश्यक है। स्वित्झरलॅंड के संसद के शीतकालीन सत्र २७ नवंबर के रोज होने वाला है। संसदीय समितिने मंजूर किया प्रस्ताव, सभाग्रह में प्रस्तुत किया जाएगा। इस अधिवेशन के सत्र में ही उसे मंजूरी मिलने की आशंका है। उसके बाद सन २०१९ से ‘ऑटोमेटिक इंफॉर्मेशन एक्सचेंज पैक्ट’ के अनुसार सहयोगी देशों को बैंक खातों की जानकारी का आदान-प्रदान शुरू होगा, ऐसा कहा गया है।

उसके अनुसार, किसी भारतीय व्यक्तिने स्विस बैंक में अपने किसी खाते में पैसे जमा करने पर उसकी जानकारी तत्काल इस बैंक से सरकार के संबंधित विभाग को दी जाएगी। इस विभाग के अधिकारियों से यह जानकारी तत्काल इस संदर्भ में भारतीय अधिकारियों तक पहुंचाई जाएगी। इसकी वजह से भारत मे इस सन्दर्भ मे तत्काल जांच शुरू करना संभव होने वाला है।

किसी के खाते में कौन सी तारीख को कितने पैसे जमा हुए हैं एवं इन खातेदारों के नाम, जन्म की तारीख, पते, उनके खातों में बाकी रकम, उसपर मिलने वाला ब्याज और इन खातेदारों का बैंक का पंजीकरण क्रमांक, यह सारी जानकारी इसकी वजह से भारत को मिल सकती है। स्वित्झरलॅंड के संसदीय समितिने ‘ऑटोमेटिक इंफॉर्मेशन एक्सचेंज पैक्ट’ को मंजूरी देते हुए अपने सहयोगी देशों को कर विषयक कायदे अधिक कठोर करने की सलाह दी है।

भारतीयों से स्विस बैंक में जमा होनेवाली बेहिसाब संपत्ति, यह भारत के लिए चिंता का विषय होने की बात कही जा रही है। इस काले धन पर लगाम लगाने के लिए ‘टैक्स हैवन’ अर्थात कर्जा डुबाने वालों का स्वर्ग समझने जाने वाले स्विट्ज़रलैंड के साथ अन्य देशों पर भी ऐसी जानकारी के आदान प्रदान के लिए सरकार प्रयत्न कर रहा है।

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