रशियन राष्ट्राध्यक्ष और सौदी के क्राउन प्रिन्स में हुई चर्चा – क्रेमलिन का ऐलान

मास्को – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन और सौदी के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने शुक्रवार को फोन पर बातचीत की। इस महीने के शुरू में ‘ओपेक प्लस’ देशों ने ईंधन उत्पादन की कटौती करने का निर्णय लिया था, सबका ध्यान केंद्रित कर रहे इस निर्णय को लेकर इन नेताओं की चर्चा हुई, ऐसी जानकारी क्रेमलिन ने साझा की। इससे पहले रशियन और सौदी के नेतृत्व की चर्चा होने के बाद ‘ओपेक प्लस’ ने ईंधन कटौती का ऐलान किया था। इस पृष्ठभूमि प र दोनों नेताओं ने की हुई इस चर्चा के बाद ईंधन उत्पादक देशों की संगठन क्या नया निर्णय करती हैं, इसपर पश्चिमी माध्यम चर्चा कर रहे हैं।

यूक्रेन युद्ध और खाड़ी की गतिविधियां तेज़ होने की स्थिति में रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन और सौदी के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद की यह चर्चा हुई। तीन हफ्ते पहले ईंधन उत्पादन की कटौती को लेकर किए निर्णय पर एवं अंतरराष्ट्रीय ईंधन बाज़ार की स्थिरता से संबंधित दोनों देशों के जारी सहयोग पर दोनों नेताओं ने संतोष व्यक्त किया। यह चर्चा रचनात्मक और जानकारी से भरी थी और काफी मित्रता के माहौल में हुई, यह ऐलान क्रेमलिन ने किया है।

इस महीने के शुरू में ओपेक प्लस देशों का नेतृत्व कर रहे सौदी अरब ने ईंधन उत्पादन से संबंधित बड़ा ऐलान किया था। ईंधन उत्पादक देश इस वर्ष के अन्त तक ईंधन उत्पादन प्रतिदिन ११ लाख बैरल्स से अधिक कटौती कायम रखेंगे, यह निर्णय किया गया था। ईंधन की कीमतें नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाने का बयान सौदी ने किया था। सौदी के बाद यूएई, इराक, कुवैत, ओमान, अल्जेरिया, कझाकस्तान और गैबॉन इन देशों ने भी यह घोषणा की थी।

सौदी ने पहले ही ईंधन उत्पादन में पाच लाख बैरल्स की कटौती की थी। ऐसे में रशिया ने भी ईंधन उत्पादन इतना ही कम करने का निर्णय किया था, इसपर अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने ध्यान आकर्षित किया था। ऐसी स्थिति में ओपेक प्लस देशों का यह निर्णय अमरीका, यूरोपिय मित्र देशों को झटका देने वाला था। सौदी के निर्णय की अमरीका ने आलोचना भी की थी। ईंधन उत्पादन की कटौती का यह निर्णय रशिया को लाभ पहुंचानेवाला है, यह आरोप अमरीका ने लगाया था।

सौदी की तरह ओपेक प्लस गुट का नेतृत्व कर रही रशिया के लिए ही यह निर्णय आर्थिक नज़रिये से सहायक है, यह आरोप अमरिकी माध्यमों ने लगाया था। ईंधन उत्पादन कम करने से बढ़ी कीमतों का लाभ रशिया को होगा, यह दावा माध्यमों ने किया था। सौदी और अन्य ओपेक प्लस देश अप्रत्यक्ष ढ़ंग से यूक्रेन युद्ध में रशिया की सहायता कर रहे हैं, ऐसी आलोचना इन्हीं माध्यमों ने की थी।

लेकिन, सौदी और अन्य ओपेक प्लस देशों पर आरोप लगा रही अमरीका और अन्य यूरोपिय देशों ने अभी भी रशियन ईंधन की खरीद जारी रखी है, इसपर भी विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। ईंधन के साथ ही यूरोप के कुछ देश रशिया से अनमोल डायमंड्स ‌‍ खरीद रहे हैं, यह भी हाल ही में स्पष्ट हुआ था। अमरीका और यूरोपिय देश उन पर लगाए गए यह आरोप ठुकरा रहे हैं।

इसी बीच, रशियन राष्ट्राध्यक्ष और सौदी के क्राउन प्रिन्स की हुई इस नई चर्चा पर अमरीका और यूरोपिय देशों की अभी प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई हैं। लेकिन, दोनों नेताओं की चर्चा के बाद ओपेक प्लस संगठन नया निर्णय करेगी, इसपर भी कुछ माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। ऐसे में खाड़ी में बदलती गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर इन दोनों देशों की हुई चर्चा अहमियत रखती है, ऐसा इस्रायली माध्यमों का कहना हैं।

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