परमाणु अस्त्रधारी यूक्रेन पर हमला करने का साहस रशिया नहीं करती – अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष बिल क्लिंटन

वॉशिंग्टन – ‘सोवियत रशिया के बिखरने के बाद यूक्रेन को अपने परमाणु अस्त्र रशिया को सौंपने के लिए हमने ही तैयार किया था। ऐसा नहीं किया होता तो आज रशिया ने परमाणु अस्त्र धारी यूक्रेन पर हमला करने का साहस नहीं किया होता। इस वजह से यूक्रेन की मौजूदा स्थिति के लिए हम ही ज़िम्मेदार हैं’, ऐसी कबुली अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष बिल क्लिंटन ने दी।

वर्ष १९९० के दशक में सोवियत रशिया के बिखरने के बाद परमाणु अस्त्रों का मुद्दा बड़ा विवादित साबित हुआ था। उस समय बिल क्लिंटन ने रशिया के उस समय के राष्ट्राध्यक्ष बोरिस येल्तसिन और यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष लिओनिड क्रावशूक के बीच मध्यस्थता की थी। साथ ही यूक्रेन अपने सभी परमाणु अस्त्र रशिया को सौंप दे। रशिया इन परमाणु अस्त्रों को नष्ट करेगी। इसके बदले में अमरीका, रशिया और ब्रिटेन यूक्रेन को सुरक्षा मुहैया करेंगे, यह तय हुआ था।

आइरीश वृत्तसंस्था से बातचीत करते हुए पूर्व राष्ट्राध्यक्ष बिल क्लिंटन ने करीबन चार दशक पहले किए इस मध्यस्थता का ज़िक्र किया। साथ ही रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन को येल्तसिन-क्रावशूक ने किया समझौता बिल्कुल भी मंजूर ना होने का आरोप भी क्लिंटन ने लगाया। रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने साल १९९४ के इस समझौते का उल्लंघन करके सबसे पहले क्रिमिया पर कब्ज़ा किया, ऐसी आलोचना उन्होंने की।

इसी बीच, यूक्रेन पर हमला करने के लिए रशिया को ज़िम्मेदार बता रही अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ने रशिया की सुरक्षा को अनदेखा किया। यूक्रेन को नाटो का सदस्य बनाने का लालच दिखाकर अमरीका और मित्रदेशों ने रशिया को उकसाया था। साथ ही पिछले साल से अमरीका और नाटो देश यूक्रेन को आर्थिक एवं सैन्य सहायता प्रदान कर रहे हैं, इसपर क्लिंटन का ध्यान नहीं गया है, ऐसी आलोचना रशिया ने की है।

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