रशिया-इराण के बीच सहयोग खाडी स्थित अमेरिका के मित्रराष्ट्रों के लिए धोखादाई – ‘सीआयए’ के प्रमुख विल्यम बर्न्स का इशारा

वॉशिंग्टन – ‘ईरान द्वारा रशिया को दिए गए ड्रोन्स की वजह से युक्रेन को मारा जा रहा है। इसके एवज़ में रशिया भी ईरान को लश्करी सहायता देने की तैयारी कर रही है। रशिया-ईरान के बीच यह सहयोग प्रस्थापित हुआ तो खाडी स्थित अमेरिका के मित्रराष्ट्रों के लिए युक्रेन से अधिक धोखादायक होगा’, ऐसा इशारा ‘सीआयए’ के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने दिया है। इस्रायल के भूतपूर्व राजदूत ने भी दावा किया कि, ईरान-रशिया सहयोग इस्रायल के लिए धोखादायक है।

रशिया एवं युक्रेन में जारी युद्ध ईरान के आत्मघाती ड्रोन्स रशियन लश्कर की सहयता कर रहे हैं। ईरान के ड्रोन्स युक्रेन की मूलभूत सुविधाओं को लक्ष्य कर रहे हैं, इसकी वजह से बीजली आपूर्ति बाधित हो गई है। इसके अलावा यहां का परमाणु प्रकल्प, अस्पतालों का बडा नुकसान होने का आरोप अमेरिका एवं युरोपिय देश लगा रहे हैं। तो अमेरिका ने ईरान के खिलाफ झूठ और कपट का दोशारोपण शुरु करने का कलंक ईरान ने लगाया है। विश्वभर में ईरान के खिलाफ बेवजह डर निर्माण किया जा रहा है, यह आरोप ईरान लगा रहा है।

अमेरिका की मुख्य गुप्तचर प्रणाली ‘सीआयए’ के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने स्थानिक समाचार चैनल पर बोलते समय ईरान पर फिर से कलंक लगाया। ‘रशिया-ईरान के बीच लश्करी सहयोग के सीधे आसार युक्रेन की युद्धभूमि पर दिखाई दे रहे हैं। हजारों बेगुनाह युक्रेनी इस सहयोग के कारण मारे जा रहे हैं। यह सहयोग ऐसा ही चलता रहा तो आनेवाले समय में खाडी स्थित अमेरिका के मित्रराष्ट्रों की सुरक्षा के लिए युक्रेन से अधिक धोखादायक हो सकता है’, ऐसा बर्न्स ने आगाह किया।

रशिया-ईरान के इस सहयोग से अमेरिका बहुत गंभीर है, ऐसा बर्न्स ने कहा। अमेरिका के अलावा रशिया के साथ सहयोग प्रस्थापित करने वाले सौदी अरेबिया, युएई जैसे खादी मित्रराष्ट्रों को सीआयए के प्रमुख ने यह इशारा दिया हुआ लगता है। विशेषत: जल्द ही इस्रायल के सूत्र हाथ में लेनेवाले बेंजामिन नेत्यान्याहू को इशारा देते हुए बर्न्स ने यह विधान करने के संकेत मिल रहे हैं।

रशिया में इस्रायल के भूतपूर्व राजदूत अर्काडी मिल-मन ने स्थानिक इस्रायली समाचार चैनेल को दी हुई मुलाकात में ईरान-रशिया सहयोग इस्रायल की सुरक्षा के लिए धोखादायक होगा, ऐसा इशारा दिया। ‘ईरान ने रशिया को ड्रोन्स दिए और स्वतंत्र ड्रोन निर्माण प्रकल्प तैयार किया, इसलिए यह सहयोग धोखाधायक नहीं कहा जा सकता। तो रशिया ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए सहयोग किया तो वह इस्रायल की सुरक्षा के लिए अधिक धोखादायक होगा’, ऐसा दावा मिल-मन ने किया।

इस दौरान, सीआयए के प्रमुख बर्न्स और इस्रायल के पूर्व राजदूत मिल-मन ने कुछ घंटों के अंतराल में लगभग एक जैसा ही इशारा दिया है। नेत्यान्याहू ने प्रधानमंत्री पद की लेने से पहले ही अपनी भूमिका स्पष्ट की है।

रशिया-युक्रेन चर्चा द्वारा यह संघर्ष खत्म करें, ऐसा आवाहन नेत्यान्याहू ने किया है। तो इस युद्ध में हम किसी की तरफदारी नहीं करेंगे ऐसा नेत्यान्याहू ने स्पष्ट किया है। ऐसी स्थिति में रशियाविरोधी युद्ध में इस्रायल का समर्थन पाने के लिए अमेरिका द्वारा यह कोशिश जारी होने की बात लगती है। बल्कि, युक्रेन पर हमला करने वाले रशिया पर राजनैतिक दबाव डालने की कोशिशों का विरोध इस्रायल की नई सरकार न करे, इसके लिए बायडेन प्रशासन विशेष खबरदारी ले रहा है, ऐसा सामने आ रहा है।

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