‘जी ७’ में द्विपक्षीय चर्चा के दौर

द्विपक्षीय चर्चाजापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया के दौरे में प्रधानमंत्री मोदी ने ४० द्विपक्षीय मुलाकात की। इनमें हिरोशिमा में हुई ब्रिटेन, फ्रान्स, जर्मनी, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, वियतनाम, ब्राज़ील के राष्ट्रप्रमुख से हुई द्विपक्षीय चर्चा का समावेश हैं। 

भारतीय वंश के ब्रिटीश प्रधानमंत्री ऋषी सुनाक से हुई द्विपक्षीय चर्चा के दौरान दोनों देशों के मुक्त व्यापारी समझौते का मुद्दा सबसे उपर था। इस मुद्दे पर ब्रिटेन में अभी तक सहमति नहीं हुई है। ब्रेक्ज़ीट यानी यूरोपिय महासंघ से अलग होने का निर्णय करने वाले ब्रिटेन को व्यापारी भागीदार के तौर पर भारत की अहमियत का पूरा अहसास हुआ है। इसी वजह से भारत के साथ व्यापारी समझौता करने की कड़ी कोशिश में ब्रिटेन लगा है। लेकिन, इसके लिए भारत की मांगे स्वीकारने के लिए ब्रिटेन तैयार नहीं हैं। 

इसके विरोध में ब्रिटेन के कुछ नेता अपनी सरकार पर दबाव बना रहे हैं। इस मुद्दे पर बने मतभेद ब्रिटेन का सियासी अस्थिरता की वजह बने होने का दावा किया जा रहा है। क्यों कि, पिछले छह महीनों के दौरान ब्रिटेन में तीन प्रधानमंत्री बदले हैं। मौजूदा प्रधानमंत्री ऋषी सुनाक भारतीय वंश के होने के कारण भारत से बातचीत करने में आसानी होगी, ऐसा अनुमान ब्रिटेन में व्यक्त हो रहा है। इस पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री सुनाक की द्विपक्षीय चर्चा हुई। दोनों देश जल्द ही मुक्त व्यापारी समझौता करेंगे, यह विश्वास दोनों नेताओं ने व्यक्त किया है। 

फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात में व्यापार और रक्षा सहयोग के मुद्दे पर गहरी चर्चा हुई। फ्रान्स ने अपने ‘बैसिल डे’ के प्रमुख अतिथि के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया हैं। यह दोनों देशों के मित्रता से भर सहयोग को रेखांकित कर रहा हैं। जर्मनी के चान्सलर शोल्झ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हुई चर्चा में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर सहमति हुई। इसके अलावा आसियान के साथ भारत का सहयोग बढ़ाने के लिए इंडोनेशिया और वियतनाम के राष्ट्रप्रमुखों से प्रधानमंत्री मोदी की अहम चर्चा हुई। 

यह दोनों देश चीन के वर्चस्ववाद के विरोध में खड़े हुए हैं। उन्हें भारत से बड़ी सहायता की उम्मीद हैं। भारत भी इन देशों के लिए सहायता का हाथ आगे करके आधार देता दिख रहा है। इस पृष्ठभूमि पर ‘जी ७’ की पृष्ठभूमि पर भारत के प्रधानमंत्री की इन देशों से हुई द्विपक्षीय चर्चा ध्यान आकर्षित कर रही हैं।

दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष यून सुक येओल ने निवेश, व्यापार और रक्षा क्षेत्र में भारत से व्यापक सहयोग करने के लिए हमारा देश उत्सुक होने की बात प्रधानमंत्री मोदी से हुई बैठक में स्पष्ट की। दक्षिण कोरिया ने कुछ महीने पहले अपनी इंडो-पैसिफिक संबंधित नीति का ऐलान किया था। इसमें भारत का स्थान असाधारण हैं। इस मुद्दे को लेकर राष्ट्राध्यक्ष यून सुक येओल और प्रधानमंत्री मोदी की चर्चा हुई। 

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