आईबीसी की वजह से डुम्बत कर्ज की वसूली बढी

सरकारी बैंकों के कामकाज सुधरने का केंद्रीय वित्त मंत्रियों का दावा

नई दिल्ली – केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सरकारी बैंकों को घोटालेबाज और कर्ज डुबाने वालों के विरोध में कठोर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इंसॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड (आयबीसी) कानून के अंतर्गत डुम्बत कर्ज कम हुआ है और कर्ज वसूली लक्षणीय रूप से बढ़ रही है। सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के कामकाज में सुधार हुआ है और इससे देश को ८ प्रतिशत विकास दर प्राप्त हो सकता है ऐसा विश्वास केंद्रीय वित्त मंत्री ने जताया है। वर्तमान आर्थिक वर्ष में बैंक १.८ लाख करोड़ रुपयों के कर्ज वसूली करेंगे ऐसा अंदाजा वित्त सचिव राजीव कुमार ने भी व्यक्त किया है।

सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक के कामकाज एवं सुधार का ब्यौरा करने के लिए वार्षिक बैठक मंगलवार को संपन्न हुई है। केंद्रीय वित्त मंत्री जेटली इन के अध्यक्षता में हुए इस बैठक में २१ सरकारी बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उपस्थित रहे। इन अधिकारियों ने अपने बैंक के कामकाज का ब्यौरा उस में प्रस्तुत किया है। तथा बैंकों के सामने बनी अन्य प्रश्नों पर चर्चा हुई है। इस बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री ने पत्रकार परिषद में सरकारी बैंकों के एनपीए घटने का एवं कर्ज वसूली बढ़ने का दावा किया है।

‘इंसॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी’ (आयबीसी) कानून अधिक कठोर होने पर यह डुम्बत कर्ज वसूली बढ़ने की बात जेटली ने कही है। इस कानून की वजह से कर्ज डूबाने वालों की मालमत्ता ज़ब्त करने का तथा उसकी नीलामी कर के कर्ज वसूली करने का अधिकार मिला है। इसकी वजह से कर्ज वसूली के प्रमाण सुधरे हैं। बैंकों ने घोटालेबाज और जानबूझकर कर्ज डुबाने वालों पर अधिक कर कठोर कार्रवाई की जाए ऐसे आदेश वित्त मंत्री जेटली है।

बैंकों को डुम्बत कर्ज के वसूली की तरफ अधिक ध्यान देना चाहिए। आगे चलकर पहले तिमाही में ३६,५५१ करोड़ों रुपयों के डुम्बत कर्ज वसूल हुए हैं। पिछले आर्थिक वर्ष में इस कालखंड में हुए कर्ज वसूली की तुलना में यह संख्या ४९ प्रतिशत अधिक है। २०१७-१८ आर्थिक वर्ष में ७४५६२ करोड़ रुपयों के कर्ज वसूली हुई थी, ऐसी जानकारी वित्त मंत्री जेटली ने दी है।

आर्थिक विकास का विचार किया तो फिलहाल हम अच्छे स्तर से जा रहे हैं। बिक्री बढ़ रही है, जिसकी वजह से बैंकिंग क्षेत्र भी बढ़ रहा है। ऐसे समय में बैंकों को स्वच्छ कामकाज एवं समझदारी से कर्ज वितरण पर जरूर ध्यान देना चाहिए। जिसकी वजह से बैंकों पर विश्वास बढ़ेगा ऐसा भी वित्त मंत्री जेटली ने कहा है।

कर्ज डुबाने वालों पर कठोर कार्रवाई के लिए तैयार किए आईबीसी कानून के परिणाम स्पष्ट दिखाई देने लगे हैं। बैंकों में सुधर रहे कामकाज ८ प्रतिशत विकास दर प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे, ऐसा विश्वास केंद्रीय वित्त मंत्री ने उस समय व्यक्त किया है।

इस बैठक में हालही में घोषित किए बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक एवं देना बैंक के विलीनीकरण के संदर्भ में विकल्प के तौर पर अन्य व्यवस्था पर भी चर्चा हुई है। दौरान उस समय केंद्रीय वित्त सचिव राजीव कुमार ने वर्तमान आर्थिक वर्ष में १.८ लाख करोड़ रुपयों के कर्ज की वसूली आयबीसी एवं अन्य मार्ग से होगी ऐसी आशंका व्यक्त की है।

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